बिहार में जाति के आधार पर कैसे तय हुए माफिया, क्या कहती है किताब Broken Promises
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View In Appबिहार एक ऐसा राज्य है, जहां न सिर्फ जाति आधारित नेता और उनकी राजनीति है, बल्कि बिहार में जाति आधारित माफिया भी हैं. और इन सबकी शुरुआत तब हुई जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने अगड़ा-पिछड़ा देखकर, अत्यंत पिछड़ा, दलित और आदिवासी देखकर अपराधियों को सरकारी शह दी, उन्हें माफिया बनाया और यही माफिया बिहार में जंगलराज कायम करने के लिए जिम्मेदार भी थे. वहीं नीतीश कुमार ने जब लालू-रबड़ी से सत्ता छीनी तो कुछ माफियाओं का सफाया हुआ, जबकि जो माफिया नेता बन गए, उन्हें बचाया भी गया और सरकार में भी शामिल किया गया. बिहार में अपराध और राजनीति के बीच जाति किस तरह से एक सबसे महत्वपूर्ण कारक है, इसको लेकर मृत्युंजय शर्मा की एक किताब आई है, जिसका नाम है Broken Promises: Caste, Crime and Politics in Bihar. इसको लिखा है मृत्युंजय तिवारी ने. देखिए बिहार की राजनीति और बिहार की अपराध गाथा में अलग-अलग जातियों की भूमिका पर मृत्युंजय शर्मा के साथ अविनाश राय की ये खास बातचीत.