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कहानी लोकसभा के पहले अध्यक्ष जीवी मावलंकर की, जिनके कानून आज भी चलते हैं
18वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने हैं ओम बिरला जो राजस्थान की कोटा सीट से सांसद हैं. लेकिन इस कुर्सी पर बैठने वाले पहले शख्स थे गणेश वासुदेव मावलंकर.शॉर्टकट में जीवी मावलंकर. संविधान के लागू होने से पहले भी जब इंडियन इंडिपेंडेस एक्ट के तहत नेहरू प्रधानमंत्री बने तो उस वक्त भी जीवी मावलंकर को ही लेजिस्लेटिव एसेंबली का प्रेसिडेंट बनाया गया था. 1952 में लोकसभा चुनाव होने के बाद जब वो लोकसभा के अध्यक्ष बने तो उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरू तक को बता दिया कि असल में लोकसभा अध्यक्ष का पद कितना ताकतवर होता है. जीवी मावलंकर के बनाए नियम पर ही आज भी लोकसभा चलती है. अविनाश राय बता रहे हैं मावलंकर की पूरी कहानी.
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