तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं पर राजीव गांधी वाली गलती नहीं करेंगे पीएम मोदी!
तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया है. और इस फैसले को 39 साल पहले आए शाहबानो के फैसले से भी जोड़कर देखा जा रहा है. लेकिन इन दोनों केस को एक साथ जोड़ देने से कई ऐसे सवाल खड़े हो गए हैं, जिनके जवाब की तलाश जरूरी है. उदाहरण के तौर पर सवाल ये है कि क्या सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला संसद के बनाए कानून के खिलाफ है, जो 38 साल पहले राजीव गांधी ने बनाया था. और सवाल ये है कि जिस तरह से शाहबानो केस के बाद राजीव गांधी और उनकी पूरी सरकार ने इस मुद्दे पर दखल दिया था, अब प्रधानमंत्री मोदी और उनकी भी सरकार इस मुद्दे पर दखल देने का इरादा रखती है. आखिर 10 जुलाई 2024 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ऐसा क्या है, जिसने एक नई सियासी बहस को जन्म दे दिया है, जिसका एक सिरा सीधे राजीव गांधी से तो दूसरा सिरा सीधे मुस्लिम राजनीति से जाकर जुड़ गया है, बता रहे हैं अविनाश राय.