2013 में Muzaffarnagar से लेकर 2023 में Manipur तक, Fake News ने कब-कब लगाई आग़
मणिपुर से देश को हिंसा देने वाला जो मामला सामने आया उसके पीछे थी एक फेक न्यूज़. लेकिन फेक न्यूज़ ने ऐसी आग़ सिर्फ मणिपुर में नहीं लगाई. 2013 का मुजफ्फरनगर दंगा हो या 2020 में पालघर लिंचिंग...इनके सबके पीछे की वजह थी फेक न्यूज़. इस स्टोरी में ऐसी ही घटनाओं के ज़रिए ये समझने की कोशिश करेंगे कि आख़िर हमारे बीच कोई भी जब बिना सोचे समझे या इंफॉर्मेशन को वेरिफाई किए उसको फॉरवर्ड कर देता है...तो उसका कितना भयानक असर होता है. इसे इतनी आसानी से समझ सकते हैं कि अगर 3 मई को शुरू हुई मणिपुर हिंसा के अगले दिन यानी 4 मई को फेक न्यूज़ नहीं फैलती...तो शायद जिन कुकी महिलाओं का नंगा परेड करावाया गया...वो अपनी लाइफ के इस सबसे बड़े ट्राउम से शायद बच जातीं. तो शुरू करते हैं ये स्टोरी और बात करते हैं कि कैसे फेक न्यूज़ ने गैंगरेप से लेकर भयानक दंगे भड़काने और लिंचिंग तक को अंजाम दिलवाने का काम किया है. और कैसे इसके लिए हम भी ज़िम्मेदार हैं. लेकिन स्टोरी शुरू करने से पहले आप अनकट को फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और सब्सक्राइब ज़रूर कर लीजिएगा. #BinMangaGyan
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