बांग्लादेश की दो बेगमों की कहानी, जिनकी दोस्ती ने लोकतंत्र बहाल किया और दुश्मनी ने अराजकता
भारत के पड़ोसी बांग्लादेश को अपनी ही दो बेगमों की लड़ाई के बीच पिसते हुए करीब 33 साल बीत चुके हैं. आज की तारीख में भी बांग्लादेश में जो हुआ है, उसकी सबसे बड़ी वजह इन्हीं दोनों बेगमों की लड़ाई है, जिनमें से एक मारे गए राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना हैं तो दूसरी मारे गए राष्ट्रपति जिया उर रहमान की बेवा खालिदा जिया. और दोनों ने ही अपनी राजनीति के बीच बांग्लादेश को इस कदर जकड़ रखा है कि हर कोशिश के बाद भी बांग्लादेश उससे आजाद नहीं हो पाया है. तो आखिर क्या है कहानी इन दो बेगमों की जिन्होंने कभी बांग्लादेश में जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद की फौजी तानाशाही से मुक्ति के लिए कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई की थी लेकिन सत्ता के लिए ये दोनों एक दूसरे की खून की प्यासी हो गईं और हालात इस कदर बिगड़ गए कि अब एक को देश छोड़कर भागना पड़ा है तो दूसरे को अपने दुश्मन को हटाने के बावजूद अपने लिए जगह तलाश करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, बता रहे हैं अविनाश राय.