Sri Lanka Crisis: 3 दशक तक Civil War का शिकार हुए Tamil समुदाय से हो सकता है President, जानें मायने?
श्रीलंका के आज़ाद होने के बाद से...अब तक के सबसे ज़ोरदार प्रदर्शन में शामिल लोगों की एक ही मांग है...मांग ये है कि ना तो उन्हें गोटबाया जैसा राष्ट्रपति चाहिए...और ना ही उन्हें रानिल विक्रमासिंघे जैसा पीएम चाहिए. तो सवाल ये उठता है कि श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? एक सवाल ये भी है कि क्या पहली बार श्रीलंका किसी तमिल को राष्ट्रपति बनाने की ओर कदम बढ़ाएगा? आपको पता ही होगा कि भारतीय मूल वाले तमिल समुदाय के लोग श्रीलंका में अल्पसंख्यक हैं. देश में हो रहे प्रदर्शनों में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक का भेद मिट गया है. पहली बार भारत के इस पड़ोसी देश में सिंहली से लेकर तमिल और मुस्लिम तक कंधे से कंधा मिलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रोटेस्ट का कोई लीडर नहीं है. फिर भी प्रोटेस्ट बहुत ऑर्गेनाइज़्ड है. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या इन क्रांतिकारी प्रदर्शनों से देश की राजनीति को नई दिशा मिलेगा? क्या देश में लंबे समय तक हुई एंटी तमिल पॉलिटिक्स और बीते सालों में हुई एंट मुस्लिम पॉलिटिक्स पर फुल स्टॉप लगेगा?