Takhta Palat 9 : Pakistan PM Zulfikar Ali Bhutto, जिन्हें Army Chief Zia-ul-Haq ने फांसी दिलवा दी|
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View In App16, दिसंबर, 1971 वो तारीख थी, जब जंग में पाकिस्तान को भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी. पाकिस्तान दो टुकड़ों में टूट चुका था और पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के तौर पर मान्यता मिल चुकी थी. इस जंग की वजह से बांग्लादेश के लोगों को तो आजादी मिल गई थी, लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान या कहिए कि पाकिस्तान में सियासी अस्थिरता शुरू हो गई. इस जंग की हार के विलेन बने थे आर्मी चीफ और राष्ट्रपति रहे याहिया खान, जिन्होंने 20 दिसंबर, 1971 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के साथ ही महज 13 दिन पहले ही पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम बने नुरूल अमीन को भी इस्तीफा देना पड़ा था और मुल्क के नए राष्ट्रपति बने थे जुल्फिकार अली भुट्टो, जिन्होंने पाकिस्तान में फिर से मार्शल लगा दिया था. करीब ढ़ाई साल के बाद जब पाकिस्तान में फिर से संविधान लागू हुआ तो जुल्फिकार अली भुट्टो पाकिस्तान के नवें वजीर-ए-आजम बने. पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों पर आधारित खास सीरीज तख्तापलट में आज बात पाकिस्तान के नवें वजीर-ए-आजम जुल्फिकार अली भुट्टो की, जिन्हें कुर्सी से हटाकर जिया उल हक ने फांसी पर लटका दिया था.