Takhta Palat: Pakistan की दो बार PM रहीं Benazir Bhutto, जिन्हें न ISI पसंद करती थी न Army| Uncut
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View In App4 अप्रैल 1979 को पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम रह चुके जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी पर लटकाने के करीब छह साल बाद राष्ट्रपति जिया उल हक ने पाकिस्तान में आम चुनाव करवाए. पाकिस्तानी अवाम और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिखाने के लिए हुए इस चुनाव में जिया उल हक ने अपने चहते रहे मुहम्मद खान जुनेजो को पाकिस्तान का वजीर-ए-आजम बना दिया. लेकिन तीन साल के अंदर ही जिया उल हक और वजीर-ए-आजम जुनैजो के बीच मतभेद इतने बढ़े कि जिया उल हक ने संसद को भंग कर जुनैजो को भी वजीर-ए-आजम के पद से हटा दिया और पाकिस्तान में फिर से नए सिरे से चुनाव का ऐलान कर दिया. 1988 के आखिरी महीनों में हुए इस चुनाव में जीत के बाद पाकिस्तान की वजीर-ए-आजम बनीं जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनज़ीर भुट्टो, जो 1993 में दोबारा पीएम बनीं. तख्ता पलट के इस एपिसोड में देखिए कहानी बेनज़ीर भुट्टो की.