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अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू और सिद्धू-चन्नी के बीच लड़ाई की वजह है बहबल कलां गोलीकांड
कहते हैं पूरे जंगल को आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी होती है. इस कहावत को पंजाब की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा सकता है. 14 अक्तूबर 2015 का दिन पंजाब की सियासत का एक ऐसा ही काला दिन माना जाता है जिसने पहले अकाली दल की सियासत को ग्रहण लगाया और आज उसी का दंश कांग्रेस सरकार भी झेल रही है. साफ साफ शब्दों में कहा जाए तो इस दिन पंजाब में जो घटना हुई उस घटना ने पंजाब की सियासत की दोनों बड़ी पार्टियों को राजनीतिक तौर पर कमज़ोर कर दिया. लेकिन उस दिन ऐसा क्या हुआ जो आज कांग्रेस में चल रहे घमासान के दौरान हम उस तारीख की बात कर रहे हैं. और कैसे उस दिन हुई घटना के तार नवजोत सिंह सिद्धु के इस्तीफे से जुड़ते हैं. Uncut पर देखिए Bhupinder Soni की रिपोर्ट
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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