सुनीता न सौरभ, आतिशी ही क्यों बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री?
केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं आतिशी अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री हैं. सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद इस कुर्सी पर बैठने वाली वो तीसरी महिला हैं. लेकिन वो तीसरी महिला सुनीता केजरीवाल भी तो हो सकती थीं, जो अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद एक तरह से पूरी पार्टी को अपने कंधों पर संभाल रहीं थी. उस कुर्सी पर सौरभ भारद्वाज भी तो बैठ सकते थे, जो केजरीवाल के जेल जाने के तुरंत बाद से ही पार्टी और सरकार दोनों को संभालने की कोशिश कर रहे थे. वो कुर्सी कैलाश गहलोत को भी तो मिल सकती थी, जिनके जरिए केजरीवाल हरियाणा का चुनाव साध सकते थे. इस कुर्सी के दावेदार गोपाल राय भी तो हो सकते थे, जो केजरीवाल के पुराने भरोसेमंद हैं. तो फिर आतिशी ही क्यों. आखिर आतिशी को मुख्यमंत्री बनाकर अरविंद केजरीवाल क्या संदेश देना चाहते हैं. आखिर इतने बड़े-बड़े नामों को दरकिनार करके अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम पर ही मुहर क्यों लगाई, बता रहे हैं अविनाश राय.