क्या इमरान ख़ान-आईएसआई का दोस्त रहेगा तालिबान, कहीं पाकिस्तान के लिए सिरदर्द न बन जाए नया तालिबान?
अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान को पाकिस्तान से मदद मिली, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. यही वजह है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सीधे तौर पर तालिबान के साथ खड़े दिख रहे हैं और तालिबान का समर्थन कर रहे हैं. वहीं आईएसआई और पाकिस्तान की सेना खुश है कि उसने इमरान खान पर तो नियंत्रण कर ही रखा है, अब तालिबान भी उसके नियंत्रण में ही रहेगा. लेकिन क्या हकीकत यही है. दरअसल तालिबान ने भले ही अभी पाकिस्तान से मदद ली है, लेकिन जैसे पाकिस्तान अमेरिका से मदद लेता रहा है, उससे इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान भी तालिबान का दुश्मन हो जाए. पाकिस्तान ने तालिबानी लड़ाकों को अपने यहां शरण दी है और अमेरिका के कहे मुताबिक उनका इस्तेमाल भी किया है. इस बात को तालिबान भूला नहीं होगा. ऐसे में आने वाले दिनों में पाकिस्तान और तालिबान के रिश्ते कैसे होंगे, इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं कार्यकारी संपादक विजय विद्रोही.