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मोदी का नसीब अच्छा पर जनता का खराब क्यों? Uncut
2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो उस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार थीं. तीन महीने के अंदर ही कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गईं. तब 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्ष कह रहा है कि मोदी का नसीब अच्छा है, इसलिए तेल सस्ता हुआ. लेकिन अब जब तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 62 डॉलर प्रति बैरल हैं तो तेल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है. ऐसे में लोग अब कहने लगे हैं कि नसीब भले ही पीएम मोदी का अच्छा हो, लेकिन जनता का नसीब अच्छा नहीं है, इसलिए उन्हें तेल पर टैक्स 2014 के मुकाबले करीब दोगुना चुकाना पड़ रहा है. ये सब कैसे हो रहा है, देखिए अविनाश राय की इस स्पेशल रिपोर्ट में.
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