तालिबान की वजह से भारत आए अफगानी रिफ्यूजी की बेबसी रोने पर मजबूर कर देगी, यूएन से भी नहीं मिली मदद
दुनिया का मत इसके बीच झूल रहा है कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं. हालांकि, अफगानिस्तान पर तालिबान कब्ज़े के बाद काबुल एयरपोर्ट से जो तस्वीरें आईं उससे साफ हो गया कि इस देश का एक बड़ा हिस्सा तालिबान से आतंकित है. इस बीच भारत में मौजूद अफगानी रेफ्यूजी ना घर के रहे ना घाट के. भारत के पास कोई रेफ्यूजी पॉलिसी नहीं है. ऐसे में भारत में इन्हें UNHCR रेफ्यूजी का दर्जा देता है. लेकिन इस दर्जे के बाद इन्हें जो ब्लू कार्ड मिलता है उसके ज़रिए ना तो इनके बच्चों की पढ़ाई हो पाती है और ना ही इन्हें कोई नौकरी मिलती है. ऊपर से ये रेफ्यूजी अब किसी हाल में अफगानिस्तान वापस नहीं जा सकते. ऐसे में अपने भविष्य को लेकर चिंतित रेफ्यूजी ये मांग कर रहे हैं कि इन्हें उन 98 में से किसी ऐसे देश में भेज दिया जाए जो अफगानी रेफ्युजियों को स्वीकार कर रहे हैं ताकि इनका भविष्य अंधाकरमय मत हो. इसी मांग को लेकर ये दिल्ली स्थित UNHCR के ऑफिस के बाहर दो हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं.