J&K Violence: क्या बोले पनुन कश्मीर के रमेश मनवटी, हिंदू सीएम बनने से रुकेगी घाटी में हिंसा?
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View In Appकश्मीर में सिर्फ अक्टूबर में दो दर्जन के करीब लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. जान गंवाने वालों में आम नगरिकों से लेकर सुरक्षा बल तक के लोग शामिल हैं. जिनको मौत के घाट उताया गया उनमें बिहारी मज़दूर, कश्मीरी पंडित, मुस्लिम और सिख समुदाय के लोग भी शामिल हैं. इनकी हत्या करने से पहले आतंकवादियों ने किसी बात की परवाह नहीं की. ऐसी हिंसा की वजह से घाटी में भय का माहौल है जिससे प्रवासी मज़दूरों को घाटी छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसी हत्याओं के बीच उन 1500 कश्मीरी पंडितों के पलायन की बात पर भी ग़ौर करने की ज़रूरत है जिन्हें हाल के समय में हिंसा के डर से घाटी छोड़नी पड़ी. कश्मीरी पंडितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा में सबसे ताज़ा नाम माखन लाल बिंद्रू का है. दवा दुकान चलाने वाले बिंद्रू घाटी में काफी मशहूर थे. उनकी हत्या से कश्मीरी पंडितों के बीच नए सिर से ख़ौफ़ ने घर बना लिया है. प्रवासियों के साथ इनके भी घाटी छोड़ने का सिलसिला जारी है. इस बीच पुंछ में आतंकियों के ख़िलाफ़ दो हफ्ते से ऑपरेशन चल रहा है. अचानक से तेज़ हुई हिंसा की वजह से घाटी में भय का माहौल है और प्रशासन क्या कर रहा है इसे लेकर भी सवाल बने हुए हैं. ऐसे तमाम विषयों पर Uncut ने कश्मीरी पंडितों के लिए Hoemland की मांग कर रहे Panun Kashmir के उपध्यक्ष रमेश मनवटी से बातचीत की. सुनिए कि कई सालों पहले घाटी छोड़ने को मजबूर हुए मनवटी ने कश्मीर समस्या के हल को लेकर क्या सुझाव दिए.