'न कारोबार कर पा रहे, न ही बच्चों की पढाई हो रही' Afghan Refugee भारत में कैसे जी रहे हैं? | Uncut
अल्पसंख्यक अधिकार दिवस भारत में भी मनाया जाता है और इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग, समेत तमाम संस्थाएँ अलग-अलग कार्यक्रम करती हैं. ये दिन अल्पसंख्यक लोगों को आगे लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए मनाया जाता है. अल्पसंख्यक धर्म, भाषा, राष्ट्रीयता या जाति के आधार पर होते हैं. जहाँ अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लाखों की संख्या में अफगान अपने परिवारों के साथ देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, हमारे देश में पहले से ही कईं अफ़ग़ान शरणार्थी हैं जो न कारोबार कर पा रहे, न ही उनकी बच्चों की पढाई हो रही. इनके लिए अनिश्चितता है कि क्या वे अपने वतन लौट सकते हैं, भारत में करीब 21,000 अफगान रिफ्यूजी हैं और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के अनुसार, 11,000 अफगान भारत में शरण चाहने वालों के रूप में पंजीकृत हैं. देखिए इस स्पेशल वीडियो में कैसे 16 साल से रह रहे जुमा खान के लिए भारत में सिर्फ ज़िंदा रहने की उम्मीद के इलावा कुछ नही है.