जब Narayan Rane की गिरफ्त से MLAs को छुड़ाने के लिए Govt ने भेजे थे Encounter Specialist Officer !
नारायण राणे (#NarayanRane) से जुड़ा एक यादगार किस्सा भी है. बात जून 2002 की है. महाराष्ट्र (#Maharashtra) में कांग्रेस (#Congress) एनसीपी (#NCP) की गठबंधन सरकार थी. मुख्यमंत्री थे विलासराव देशमुख (#VilasRaoDeshmukh). देशमुख एक खिचड़ी सरकार के मुखिया थे जो कि निर्दलीय विधायकों और छोटे-छोटे दलों के समर्थन से बनी थी. देशमुख से पहले 1999 तक शिवसेना बीजेपी (#ShivSenaBJP)की गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री नारायण राणे थे. इस बीच खबर आई कि PWP के 5 विधायकों ने देशमुख सरकार से समर्थन वापस लेने का खत राज्यपाल को दिया है. PWP सुनील तटकरे नाम के नेता को कैबिनेट में लिए जाने का विरोध किया था क्योंकि PWP का मानना था कि एनसीपी के तटकरे ने रायगढ़ के जिला परिषद चुनाव में उसकी उम्मीदवार सुप्रिया पाटिल को हराने का काम किया था. देशमुख सरकार अल्पमत में आ गई. नारायण राणे ने मौके पर चौका मारने की कोशिश की. राज्यपाल पी सी अलेक्जेंडर ने देशमुख को दस दिनों का वक्त दिया बहुमत साबित करने के लिए. राणे को लगा कि अगर एनसीपी के भी विधायक समर्थन वापस ले लें तो वे अपनी सरकार बना लेंगे. अपने प्लान के तहत एनसीपी और कांग्रेस के कुछ विधायकों को राणे ने अपने साथ कर लिया और 5 जून 2002 को उन्हें मुंबई के जोगेश्वरी में मातोश्री स्पोर्ट्स क्लब में छुपा कर रखा गया. कांग्रेस एनसीपी की तरफ से आरोप लगाया गया की इन विधायकों को राणे ने किडनैप किया था और उन्हें डरा धमकाकर वहां रखा गया है. जानिए क्या था पूरा मामला बता रहे हैं जीतेंद्र दीक्षित (#JitendraDixit)