Corona Lockdown के बीच SC ने सरकार से पूछा- प्रवासी मज़दूरों को घर भेजोगे? |ABP Uncut
ABP News Bureau
Updated at:
28 Apr 2020 09:33 PM (IST)
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प्रवासी मज़दूरों को गांव वापस भेजने की मांग पर Supreme Court ने केंद्र से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या इस बारे में कोई प्रस्ताव है? सरकार को 1 हफ्ते में इस पर जवाब देना है. वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि लॉकडाउन में मज़दूर खाली बैठे हैं. उनके पास पैसे और भोजन नहीं हैं. उनको घर से दूर रखना मौलिक अधिकार का हनन है. सबको Corona टेस्ट के बाद घर भेजा जाए.याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल Tushar Mehta ने कहा, “कोई आज Corona नेगेटिव है तो इसका मतलब यह नहीं होता कि 2 दिन बाद उसमें लक्षण नहीं नजर आएंगे. सरकार मजदूरों की मदद के लिए हर संभव उपाय कर रही है. PIL करने वाले इस याचिकाकर्ता को लगता है कि देश में अकेले वही गरीबों के लिए फिक्रमंद है. सरकार को उसका काम करने दिया जाए.“मेहता ने Prashant Bhushan का एक ट्वीट जजों के सामने रखा. इस ट्वीट में भूषण ने Supreme Court पर ज़रूरतमंदों की बजाय सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगाया था. इस पर जस्टिस एन वी रमना, संजय किशन कौल और बी आर गवई की बेंच सख्त नाराज हो गई. जस्टिस कौल ने कहा, “अगर आपको हमारे ऊपर भरोसा नहीं है तो फिर हम आपकी बात पर क्या सुनवाई करें. आप कहते हैं कि आप 30 साल से ज्यादा समय से Supreme Court से जुड़े हैं तो क्या आपको यह लगता है कि कोर्ट सरकार के यहां बंधक है.”