Supreme Court: मज़दूरों को अपने राज्य में रोज़गार मिले, लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए दर्ज केस हों रद्द। ABP Uncut
एबीपी न्यूज़
Updated at:
01 Jan 1970 05:30 AM (IST)
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प्रवासी मजदूरों को लेकर Supreme Court ने 9 जून को एक बड़ा आदेश दिया है. SC ने कहा है कि बचे हुए प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के अंदर उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. साथ ही अगर किसी state को श्रमिक स्पेशल ट्रेन की ज़रूरत है, तो केंद्र सरकार 24 घंटे के अंदर उस राज्य को श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुहैया करवाए. सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच में शामिल जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जो प्रवासी मज़दूर अपने घरों को लौटे हैं, उनकी एक सूची तैयार की जाए, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि वो किस राज्य में कौन सा काम करते थे. इस सूची के आधार पर ये तय किया जाए कि उन्हें केंद्र और राज्य की ओर से चलाई जा रही योजनाओं में से किस योजना का लाभ मिल सकता है. कोर्ट का आदेश है कि इन योजनाओं का व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि इन मज़दूरों के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाए. प्रवासी मज़दूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में और क्या-क्या कहा है, बता रहे हैं एबीपी न्यूज़ संवाददाता निपुण सहगल.