एक्सप्लोरर
Advertisement
साइकिल का पर्यायवाची बनी एटलस अब सिर्फ यादों में रहेगी, आर्थिक तंगी के चलते कंपनी ने बंद किया आखिरी प्लांट |ABP Uncut
1947 में देश के बंटवारे के बाद बहुत से व्यापारियों ने हिंदुस्तान को अपनी सरजमीं माना और पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान में व्यापार का मन बनाया. ऐसे ही कुछ सपने लेकर जानकी दास कपूर कराची से सोनीपत आ गए. इसके बाद 1951 में नींव पड़ी एटलस साइकल्स की और देखते ही देखते एटलस देश में साइकल की पर्यायवाची बन गई और अब इसी एटलस साइकल को अलविदा कहने का वक्त आ गया, क्योंकि कंपनी ने आर्थिक तंगी के चलते अपना आखिरी कारखाना भी बंद कर दिया है. इसी के साथ अब एटलस साईकल बीते जमाने की बात बनकर रह जाएगी. इसे भी विडंबना ही कहा जाएगा कि विश्व साइकल दिवस के दिन ही एटलस साइकल्स के सफर पर पूर्ण विराम लगा है. जिस विश्व साइकल दिवस को दुनिया भर में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के मकसद से मनाया जाता है, उसी दिन भारत के प्रमुख साइकल ब्रांड एटलस का उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है. 3 जून को कंपनी ने अपने गाजियाबाद स्तिथ आखिरी साइकल कारखाने को बंद करने का एलान कर दिया है. देखिए एबीपी न्यूज़ सवांददाता रक्षित सिंह की ये खास रिपोर्ट
Green Energy-Future Fuel पर World में कहां है India, Green Hydrogen पर क्या बोले Petroleum Minister?
Gujarat Election: तंगहाली में जीने को क्यों मजबूर हैं जहाज़ बनाने वाले, क्या खत्म हो जाएगा उद्योग ?
देश में पहली बार होने जा रही है फ़ार्मूला-ई रेस, 2023 में हैदराबाद में फर्राटे से दौड़ेंगी कारें
Punjab में लगा Parali से चलने वाला Bio Gas Plant, Delhi-NCR में कम होगा Pollution, घटेगा PM 2.5
अब Airport से भी ज्यादा आलीशान नजर आएंगे Railway Station, जानिए क्या है Modi Government का पूरा Plan
और देखें
Advertisement
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
हरियाणा
बॉलीवुड
हेल्थ
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion