UNCUT Investigates: क्या कारोबारी क़ब्ज़े की लड़ाई को Love Jihad बना दिया, Purola में पलायन की हक़ीक़त क्या है
उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला पिछले कुछ दिनों से 'लव जिहाद' को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यहां हाल ही में एक हिंदू नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश का मामला सामने आया था. जिसमें दो पुरुष शामिल थे और उनमें से एक मुस्लिम था.
इस घटना से नाराज स्थानीय लोगों ने इसे लव जिहाद करार देते हुए वहां रह रहे मुस्लिमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और सड़क पर उतर आए. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं जिनमें जिले के मुस्लिम व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करने की धमकी देते हुए उनके दुकान के आगे पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं.
UNCUT पहुंचा Purola गांव और इस विवाद के पीछे का सच जानने की कोशिश की Sahiba Khan ने. ये कहानी उन सवालों को भी कुरेदती है जिन्हें पूछा नहीं जा रहा:
जो पकड़े गए हैं वो क्या कह रहे हैं, कोई नहीं जानता. क्या इस कहानी के पीछे कुछ और सच्चाई है? नाबालिग लड़की के मामा, जिनके साथ लड़की रहती है, उनका कहना है कि ये मामला ‘आपराधिक’ है, जिसे धार्मिक रंग दिया जा रहा है. 2011 के सेन्सस के मुताबिक़ पूरे उत्तरकाशी में केवल 1.08% muslim आबादी है. बढ़-घट कर ये 2023 में ज़्यादा से ज़्यादा 2% हुई होगी. ये तथ्य इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ‘देवभूमि’ में लैंड-जिहाद जैसी अफवाह भी आम है. ये कहानी है ‘Love-Land Jihad’ जैसी theories पर सवालिया निशान की. ये कहानी है अफवाह और साम्प्रदायिकता की सांठगांठ की, इस सांठगांठ के चलते लोगों के अपनी जन्म और कर्मभूमि छोड़ने की…
उनके सियासत के सरपरस्त नेताओं से उम्मीद छोड़ने की….ये कहानी है पुरोला की, जिसे एक साजिश के तहत सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की कोशिश हुई.