Voter ID Card: आधार कार्ड हमारे आम जीवन में अब बहुत जरूरी दस्तावेज बन चुका है. किसी भी ऐसे कार्य के लिए जहां पहचान पत्र लगाया जाता है लोग आधार को ही प्रमुख रूप से लगाते हैं. बैंक अकाउंट और पैन कार्ड के बाद अब सरकार ने फैसला किया है कि मतदाता पहचान पत्र को भी आधार से लिंक किया जाएगा. इसी के तहत मतदाता पहचान पत्र को आधआर से लिंक कराने की प्रक्रिया चल रही है.
वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने के फायदे-
- आधार से वोटर कार्ड लिंक कराने के बाद अलग-अलग पते से वोटर कार्ड धारक एक व्यक्ति सिर्फ एक ही जगह वोट डाल पाएगा और इससे डबल वोटिंग पर रोक लगेगी.
- ऐसी फर्जी वोटिंग पर भी रोक लगाई जा सकेगी जिसमें किसी अन्य के मतदाता पहचान पत्र से कोई अन्य व्यक्ति वोट करता है.
- इससे वोटर पहचान पत्र की भी आधार की तरह ही पहचान के दस्तावेज के रूप में स्वीकार्यता बढ़ जाएगी. जिससे आधार या कोई अन्य पहचान पत्र ना होने की स्थिति में भी इसे लगाया जा सकेगा.
सरकार का इरादा, लोकसभा चुनाव से पहले पूरी हो प्रक्रिया-
सरकार की ओर से काफी समय से आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करने की कवायद की जा रही है. सरकार की कोशिश है कि वोटर पहचान पत्र से आधार लिंक कराने की प्रक्रिया को 2024 के आम चुनावों से पहले पूरा कर लिया जाए.
इसके लिए सरकार की ओर से नियम भी जारी कर दिए गए हैं. इस काम में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग मुख्य भूमिका में है. आधार को वोटर पहचान पत्र से जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है साथ ही इसको लेकर तमाम शंकाओं को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.
आधार कार्ड अनिवार्य नहीं-
हालांकि जो लोग अपने वोटर पहचान पत्र को आधार से नहीं जोड़ना चाहते उन पर कोई दबाव नहीं है. आधार से लिंक ना कराने पर भी उनका नाम और अन्य जानकारियां मतदाता सूची से हटाई नहीं जाएंगी. सरकार इस बात का भी ध्यान रख रही है कि किसी भी मतदाता की जानकारियां लीक ना हों.
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