हॉस्पिटल में लोगों के साथ नहीं होगी लूट, हर अस्पताल का बिल होगा बराबर! क्या है सरकार का प्लान?
Hospital Bills: बीआईएस (BIS) यानी ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स अब सभी अस्पतालों के बिल को बराबर करने की प्लानिंग कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनमानी रकम नहीं वसूल सकेंगे.
Hospital Bills: स्वास्थ्य लोगों की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा होता है. इसको लेकर सरकारें भी बहुत सारी योजनाएं चलाती रहती हैं. लोगों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है. तो अस्पतालों में इलाज के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. इसके बाद दवाइयां में भी अच्छा खासा पैसा लग जाता है. लेकिन अब लोगों के लिए एक राहत की खबर आ रही है. बीआईएस (BIS) यानी ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स अब सभी अस्पतालों के बिल को बराबर करने की प्लानिंग कर रहा है.
अगर ऐसा होता है तो इससे हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को भी काफी फायदा होगा. बता दें कि ब्यूरो के एक अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार हाल ही में इसको लेकर एक मीटिंग भी हुई है. इसमें मेडिकल सेक्टर के कई स्टेकहोल्डर्स से सुझाव भी लिए गए हैं. चलिए जानते हैं पूरी खबर.
हॉस्पिटल वाले नहीं कर सकेंगे मनमानी लूट
प्राइवेट हॉस्पिटलों में इलाज कराने पर मरीजों को तरह-तरह के बिल चुकाने पड़ते हैं. जिसमें बहुत सी जानकारी स्पष्ट भी नहीं होती. इसी को लेकर लंबे अरसे से बिल के मामले में पारदर्शिता लाने की बात कही जा रही है. कॉविड महामारी के दौरान प्राइवेट अस्पतालों ने लोगों से इलाज के नाम पर मनमानी रकम वसूली थी. उस दौरान बहुत से मामले सोशल मीडिया पर भी काफी हाईलाइट हुए थे.
इसी को देखते हुए अब बिलों में पारदर्शिता लाने पर विचार किया जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ मरीजों को बल्कि प्रशासन को भी काफी फायदा होगा. अगर सभी अस्पतालों के बिल समान हो गए तो फिर प्राइवेट अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी रकम नहीं वसूल सकेंगे. जिससे जनता के बीच प्राइवेट अस्पतालों को लेकर जो धारण है. उसमें भी बदलाव आएगा.
बिलों में था जानकारी का अभाव
बीआईएस द्वारा अगर सभी अस्पतालों में एक जैसे मानक लागू कर दिए जाते हैं. तो इसका सीधा फायदा जनता को पहुंचेगा. हाल ही में हुए एक सर्वे में भी करीब 74% लोग बीआईएस के मानकों को लागू करने के हक में हैं. बता दें कि अस्पतालों में जो सबसे बड़ा घपला किया जाता है.
वह बिलों में ही किया जाता है. भारत में बहुत से लोग प्राइवेट अस्पतालों की बिलिंग प्रोसीजर से खुश नहीं है. कई लोगों ने इस बात की शिकायत जाहिर की है कि प्राइवेट अस्पतालों में बिलों में जानकारी कम दर्ज होती है लेकिन अमाउंट ज्यादा दर्ज होता है. यानी मरीज को पता ही नहीं चलता उसने किस बात के पैसे चुकाए हैं.
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