Vigilance Control Device In Train: ड्राइवर के अलावा ट्रेन किसके कंट्रोल में रहती है. ड्राइवर की तबियत खराब होने पर इमरजेंसी में क्या होगा, अगर ऐसा आपने भी कभी सोचा है तो इसका उत्तर आपको आज मिलने वाला है. जी हां, इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि ट्रेन के अंदर कौन सी डिवाइस इंस्टॉल होती है. जो आपातकाल जैसी स्थिति में काम करती है. ड्राइवर की तबियत खराब होने अथवा गंभीर समस्या के दौरान ट्रेन के ब्रेक कैसे लगते हैं या लगाए जाते हैं?
ट्रेन ऑपरेटिंग के लिए यह है व्यवस्था
भारतीय रेलवे ने अपनी सभी ट्रेनों के इंजन के अंदर विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस (Vigilance Control Device) इंस्टॉल कर रखी हैं. ड्राइवर को नींद आ रही हो या उसकी तबियत खराब हो जाए तो सबसे पहले असिस्टेंट ड्राइवर ट्रेन को अपने कंट्रोल में ले लेता है. इस स्थिति मे वह ट्रेन को अगले स्टेशन तक लेकर जाता है. अगर असिस्टेंट ड्राइवर भी परेशान है या फिर उसका शरीर ट्रेन को कंट्रोल नहीं कर पा रहा है तो ऐसी स्थिति में विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस ब्रेक लगाकर ट्रेन को जहां की तहां रोक देगी.
1 मिनट 17 सेकेंड पर लगेंगे ऑटोमैटिक ब्रेक
विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस को रेलवे कंट्रोल रूम की तरफ से लगातार सिग्नल भेजे जाते हैं. अगर ड्राइवर-असिस्टेंट ड्राइवर की तबियत खराब है, बेहोश हो गए हैं या नींद आ गई है तो ऐसी स्थिति में वह डिवाइस के सिग्नल का जवाब नहीं दे पाते हैं. इसके बाद डिवाइस का काम शुरू हो जाता है. अगर एक मिनट तक ड्राइवर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो 17 सेकेंड का अलार्म नोटिफिकेशन इंजन रूम को मिलता है. इस 17 सेकेंड में भी कोई संपर्क नहीं होता है तो विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस खुद व खुद ऑटोमैटिक ब्रेक लगाने शुरू कर देती है. यह डिवाइस कंट्रोल रूम को भी यह जानकारी दे देती है कि संबंधित ट्रेन में ऑटोमैटिक ब्रेक लगाए गए हैं. इसका मूल कारण ड्राइवर द्वारा ट्रेन को ऑपरेट नहीं किया जाना है.
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