Book Based On Amrit Mahotsav Of Azadi: उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय में सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया. रेलवे के मुख्यालय में महाप्रबंधक प्रमोद कुमार, अपर महाप्रबंधक रंजन यादव और प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी अजय कुमार श्रीवास्तव ने इसका विमोचन किया. इसके साथ ही आगरा और झांसी मंडल ने वर्चुअल रूप से प्रतिभाग कर इस पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्तक में विभिन्न इवेंट की झलकियां शामिल की गई हैं. आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन से लेकर विभाजन विभीषिका जैसे विषय भी इसमें देखने को मिलेंगे. आइये जानते हैं कि क्या-क्या है इस पुस्तक में...


यह झलकियां की गई हैं शामिल


आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय तथा मंडल में आयोजित सभी इवेंट की झलकियां पुस्तक में जोड़ी गई हैं. इसमें मुख्य रूप से आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन, विभाजन विभीषिका, स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों को शामिल किया गया है.


क्या है आजादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन विषय


आजीदी के रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन रेलवे का वह प्रयास है, जिसके तहत आम लोगों को रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन का इतिहास बताया जा रहा है. आजादी लड़ाई में भारतीय रेल की क्या भूमिका रही, इसके बारे में पूरी जानकारी पढ़ने को मिलेगी. देश में कई रेलवे स्टेशन ऐसे हैं, जो स्वतंत्रता आंदोलन से सीधे जुड़े रहे हैं. ऐसे ही आंदोलन की झलकियां पुस्तक में देखने को मिलेंगी.


प्रमुख स्टेशन का इतिहास


झारखंड के गोमो जंक्शन से लगातार नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने  कालका मेल में सफर किया. वह ब्रिटिश अफसरों को इसी ट्रेन से चकमा देते थे. लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन से राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान जैसे क्रांतिकारियों का नाम जुड़ा है. यहां ट्रेनों से अंग्रेजी खजाना लूटकर हुकुमत को ताकत का परिचय दिया गया था. इस तरह के तमाम रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ियों की गाथा पुस्तक में है.


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