क्या है बेसिक सेविंग अकाउंट, जिसमें मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी नहीं
Basic Savings Account: कुछ खाते होते हैं जिन्हें खोलने के बाद आपको उनमें मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसा ही खाता है बेसिक सेविंग अकाउंट. क्या होता है यह खाता. चलिए आपको बताते हैं.
Basic Savings Account: भारत में कई तरह के बैंक अकाउंट होते हैं. जिनमें सेविंग्स अकाउंट,करंट अकाउंट, डीमेट अकाउंट और भी कुछ तरह के खाते होते हैं. इन खातों को खोलने के लिए भारत में बहुत सारे बैंक मौजूद हैं. सामान्य तौर पर आप सेविंग अकाउंट खोले या करंट अकाउंट या डिमैट अकाउंट आपको इन खातों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है. नहीं तो फिर आप पर पेनल्टी लगती है.
और बहुत से बैंक हर साल सिर्फ मिनिमम बैलेंस मैंटेन न करने की पेनल्टी से ही करोड़ों रुपये वसूलते हैं. लेकिन कुछ खाते ऐसे होते हैं. जिन्हें खोलने के बाद आपको उनमें मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसा ही खाता है बेसिक सेविंग अकाउंट. क्या होता है यह खाता. चलिए आपको बताते हैं.
बेसिक सेविंग अकाउंट में नहीं होता मिनिमम बैलेंस मियम
जहां नॉर्मल सेविंग अकाउंट खुलवाने पर आपको अपने खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है. और बैलेंस मेंटेन न करने पर आप पर पेनल्टी चार्ज लगाया जाता है. तो वहीं बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट यानी बीएसबीडीए अकाउंट में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं होता है. इसमें मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने को लेकर कोई नियम नहीं है. आप चाहें तो खाते में पैसे रख सकते हैं.
चाहें तो खाते से पूरे पैसे निकाल सकते हैं. हालांकि इसमें मैक्सिमम डिपॉजिट को लेकर कुछ बैंक लिमिट तय करते हैं यानी आप कितने तक पैसे जमा कर सकते हैं. उसे लेकर लिमिट तय हो सकती है. बता दें सभी बैंकों में आपको बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट खुलवाने की सुविधा दी जाती है. बेसिक सेविंग अकाउंट को जीरो बैंलेंस अकाउंट भी कहा जाता है.
जनधन खाते में भी जरूरी नहीं मिनिमम बैलेंस
जहां बेसिक सेविंग्स अकाउंट में आपको बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती उसी तरह आपको प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुलवाए गए खातों में भी बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 24 में प्रधानमंत्री जन धन योजना को शुरू किया गया था, इसका उद्देश्य था कि सभी भारतीयों के पास उनका अकाउंट हो.
इस योजना के तहत अब तक 52.81 करोड़ से ज्यादा खाता खोले जा चुके हैं. इनमें 29.37 करोड़ यानी तकरीबन 55.6% खाते महिलाओं के हैं. बता दें जन धन योजना के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी या केंद्रीय कर्मचारी खाता नहीं खोल सकता. और साथ ही टैक्स देने वाला कोई व्यक्ति भी जन धन खाता नहीं खोल सकता.
यह भी पढ़ें: नहीं चल रहा है फास्टैग तो इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं आप, नहीं देना होगा दोगुना चार्ज