Second Hand Car Buying Tips: मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए कर खरीदना किसी सपना के बराबर होता है. काफी मेहनत करने के बाद और काफी बचत करने के बाद वह कार खरीद पाते हैं. कभी-कभी बचत पूरी नहीं पड़ पाती. तो ऐसे में लोग नई कार की बजाय सेकंड हैंड कार ही खरीद लेते हैं. ऐसे में लोग गाड़ी की आरसी अपने नाम करवा लेते हैं और पुरानी कार उनकी नई कार हो जाती है. लेकिन सिर्फ आरसी ही अपने नाम करवाना काफी नहीं है और भी दस्तावेज है जो आपको सेकंड हैंड गाड़ी लेते वक्त बदलवाने पड़ते हैं. आइए जानते हैं.
आरसी के अलावा यह दस्तावेज भी करवाने होते हैं चेंज
सेकंड हैंड कार कीमत में सस्ती पड़ जाती है. और कार लेने का सपना भी पूरा हो जाता है. इसलिए आजकल सेकंड हैंड कार बहुत सारे लोग ले रहे हैं. लेकिन इसके लिए आपको कुछ दस्तावेज अपने नाम करवाने पड़ते हैं. तभी पुरानी कर आपकी हो पाती है. समान्य तौर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जिसे आरसी कहा जाता है लोग उसे अपने नाम पर करवा लेते हैं. लेकिन सिर्फ आरसी ही नहीं. आपको कार का इंश्योरेंस भी अपने नाम करवाना होता है. यह भी एक बहुत जरूरी दस्तावेज. क्योंकि अगर कर के साथ की दुर्घटना हो जाती है तो इसके बिना आप इंश्योरेंस क्लेम नहीं कर पाएंगे.
इन दस्तावेजों की भी करें जांच
जब आप सेकंड हैंड कार ले रहे हों तो कार की सर्विस बुक जरूर देखें इससे आपको भी पता चलता है कि कार में क्या-क्या खराबी आई थी. अगर आपके पहले वाले ऑनर ने कार लोन लेकर खरीदी थी. तो फिर आपको ये चेक जरूर करना चाहिए कि लोन पूरा चुकाया गया है या नहीं. इसके लिए आपको फार्म 35 चेक करने की जरूरत है. यह नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट होता है जो बैंक की ओर से ऑनर को दिया जाता है. उसके साथ ही आप रोड टैक्स की रसीद भी चेक करें. अगर आपसे पहले वाले ऑनर रोड टेक्स नहीं भरा होगा तो फिर आपको भरना पड़ जाएगा.
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