(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली में रहने वाले बिहार के लोग कैसे करा सकते हैं लैंड सर्वे? यहां समझ लें सभी नियम
Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से जमीन सर्वे शुरू होने जा रहा है. जिन लोगों की जमीन बिहार में है लेकिन वहां दिल्ली में रहते हैं. वह इस माध्यम से अपनी जमीन की दस्तावेज दिखा सकेंगे.
Bihar Land Survey: बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. 20 अगस्त से बिहार में लैंड सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है. बिहार में यह लैंड सर्वे 45000 से भी ज्यादा गांव में किया जाएगा. सरकार इस सर्वे के जरिए आपकी जमीन पर बने मकान या किसी भी तरह के निर्माण को लेकर जानकारी मांगेगी. उससे जुड़े सभी दस्तावेज आपको दिखाने होंगे. बता दें सरकार ने इसके लिए पूरी प्लानिंग कर ली है.
इस सर्वे के जारी है बिहार सरकार जमीनों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेगी. जमीन पर कब्जा किया गया है, जमीन किसी की पुश्तैनी है, जमीन खेती के लायक है या नहीं. यह सब जानकारी बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पास पहुंच जाएगी. जिन लोगों की जमीन बिहार में है. लेकिन वह बिहार के बाहर दिल्ली में रहते हैं. वह इस सर्वे में हिस्सा ले सकते हैं. कैसे जमीन की जानकारी दे सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं.
दिल्ली रहने वाले क्या कर सकते हैं?
बिहार लैंड सर्वे में कई ऐसे लोगों की जमीन भी शामिल है. जो लोग अभी बिहार से बाहर रहते हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं जो दिल्ली सेटल हो चुके हैं. लेकिन उनकी जमीनें अभी भी बिहार में है. अगर बिहार में आपकी जमीन है. और आप दिल्ली में रहते हैं. तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपको बस यह तरीका अपनाना है. दरअसल बिहार में जमीन सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण टीम को आपको अपनी जमीन के डाक्यूमेंट्स देने होंगे.
अगर आप बिहार के बाहर यानी दिल्ली में रह रहे हैं. तो आप इन दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर सर्वेक्षण टीम एक रिकार्ड तैयार करेगी. जो आप 6 महीने बाद देख पाएंगे. इस प्रक्रिया को ड्राफ्ट पब्लिकेशन कहा जाता है. अगर ड्राफ्ट पब्लिकेशन में आपकी जमीन पर किसी और का नाम दर्ज है. तो फिर आप इसके बारे में ऑनलाइन शिकायत करवा सकते हैं.
दिए जाएंगे तीन मौके
बिहार सर्वेक्षण के बारे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि सरकार इस सर्वेक्षण को जल्दबाजी में नहीं करेगी. इस समय लेकर पूरे सही तरीके से किया जाएगा. अगर किसी जमीन मालिक को जानकारी देने कोई गलती हो जाती है तो. और इससे सर्वेक्षण टीम का फैसला उसके खिलाफ चला जाता है.
तो ऐसे में सर्वेक्षण टीम के फैसले के खिलाफ तीन बार अपील करने का मौका दिया जाएगा. उसके बाद भी अगर आपको लगता है फैसला सही नहीं है. तो आप फिर सिविल कोर्ट या हाई कोर्ट में भी अपनी अर्जी दायर कर सकते हैं.
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