अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने के क्या हैं नियम? जानें कितने दिन पहले देना होता है नोटिस
Bulldozer Action Rules: अगर प्रशासन को किसी इलीगल मकान पर बुलडोजर के तहत कार्रवाई करनी है. तो कब देना होगा नोटिस क्या हैं इसके लिए नियम. चलिए आपके बताते हैं.
Bulldozer Action Rules: भारत की कई राज्यों में अगर कोई मकान इलीगल पाया जाता है. तो प्रशासन उस पर बुलडोजर से कार्रवाई कर देता है. आपने सोशल मीडिया पर कई इस तरह की कार्रवाई के वीडियो भी देखे होंगे. लेकिन अब इस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को गैर जरूरी और असंवैधानिक बताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कानून के शासन में बुलडोजर से न्याय स्वीकार नहीं है. प्रशासन इस तरह के फैसले नहीं ले सकता. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है. अगर प्रशासन को किसी इलीगल मकान पर बुलडोजर के तहत कार्रवाई करनी है. तो कब देना होगा नोटिस क्या हैं इसके लिए नियम. चलिए आपके बताते हैं.
15 दिन पहले देना होगा नोटिस
भारत के कुछ राज्यों में अगर कोई अपराधी कुछ क्राइम करता है या कोई व्यक्ति अपराधिक घटना को अंजाम देता है. तो सरकारी अधिकारियों द्वारा उन अपराधियों के मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया जाता है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला सुना दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकती, और ना ही वह जज बन सकती है जो किसी आरोपी की संपत्ति को तोड़ने का फैसला करे.
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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर किसी व्यक्ति पर अपराध साबित हो जाता है. उसके बाद उसके घर को तोड़ा जाता है. तो यह भी गलत है. सरकारी अधिकारियों द्वारा ऐसा करना वैध होगा. और कार्यपालिका ऐसा करके कानून अपने हाथ में ले रही होगी. कोर्ट ने कहा कि घर होना सभी का मौलिक अधिकार है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी का मकान तब तक नहीं तोड़ा जा सकता जब तक उसे 15 दिन पहले नोटिस ना दे दिया जाए.
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नोटिस में बतानी होगी वजह
अगर किसी मकान पर कार्रवाई करनी है तो रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए 15 दिन पहले उस मकान के मालिक को अधिकारियों की ओर से नोटिस भेजा जाएगा. और उस नोटिस उस घर के बाहर चिपकाया भी जाएगा. तो साथ ही उसे नोटिस में यह भी बताना होगा कि मकान क्यों अवैध है. कौन से नियमों का उल्लंघन किया गया है. और किस वजह से मकान को गिराया जाएगा. इसके साथ ही प्रशासन को मकान गिराने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करनी होगी. अगर इनमें से किसी भी दिशा निर्देश का उल्लंघन किया जाता है तो यह कोर्ट की अवमानना होगी.
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