Indian Citizenship: कैसे मिलती है भारत की नागरिकता, कहां करना होता है आवेदन?
Indian Citizenship: 26 जनवरी 1950 के बाद भारत में जन्म लेने वाला हर शख्स भारत का नागरिक है, इसके अलावा जिन शरणार्थियों को भारत में 11 साल हो चुके हैं, वो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.
भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर समुदाय और जाति के लोग रहते हैं. इसके उलट भारत के पड़ोसी देशों में कई लोगों पर अत्याचार होते हैं और उन्हें परेशान किया जाता है, यही वजह है कि पिछले कई सालों में लाखों लोग शरणार्थी बनकर भारत आ गए. ऐसे ही लोगों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून लाया गया है. जिसे अब देशभर में लागू कर दिया गया है. इसी बीच हम आपको बता रहे हैं कि भारत की नागरिकता कैसे मिलती है और इसके लिए आवेदन कैसे करना होता है.
शरणार्थियों को मिलती है नागरिकता
भारत की नागरिकता के लिए किसी भी शख्स को कुछ शर्तें पूरी करनी होती है, नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले को ये बताना होता है कि वो किस वजह से अपने देश की जगह भारत की नागरिकता लेना चाहता है. आमतौर पर लोग अपने देश में हो रहे अत्याचार और शोषण का हवाला देते हुए आवेदन करते हैं. नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत लोगों को नागरिकता देने का काम किया जाता है, इस अधिनियम में कई बार संशोधन हो चुके हैं.
क्या है नागरिकता के प्रावधान
अब अगर किसी को अपनी नागरिकता साबित करनी है या फिर नागरिकता के लिए आवेदन करना है तो इसके कई प्रावधान हैं. 26 जनवरी 1950 के बाद भारत में जन्म लेने वाला हर शख्स भारत का नागरिक है. वहीं 1 जुलाई 1987 के बाद जन्म लेना वाला कोई भी व्यक्ति तब भारत का नागरिक माना जाएगा, जब उसके जन्म के वक्त उसके माता या पिता भारत के नागरिक रहे हों.
अगर कोई दूसरे देश का व्यक्ति भारत में 11 साल से रह रहा है तो वो नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. सीएए में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम लोगों के लिए इस सीमा को पांच साल कर दिया गया है. नागरिकता के लिए आवेदन गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है. साथ ही Indiancitizenshiponline.nic.in पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं.