पिछले महीने सरकार की ओर से कहा गया कि जो लोग आधार कार्ड के लिए पात्र हैं उनका आधार कार्ड बनेगा. इसके लिए जिन लोगों की अंगुलियों के निशान यानी फिंगरप्रिंट नहीं है उनकी आंखों की पुतली (आइरिस) स्कैन कर आधार कार्ड के लिए नामांकन हो सकता है. आइरिस बायोमेट्रिक्स और अंगुलियों के निशान दोनों ही नहीं होनी की स्थिति में साधारण ऑन कंकर अदर कार्ड बन जाएगा.
यहां जान लें पूरी प्रक्रिया
आइरिस बायोमेट्रिक्स स्कैन और अंगुलियों के निशान (Fingerprints) न होने की स्थिति में व्यक्ति भी असाधारण नामांकन कर आधार कार्ड की लिए अप्लाई कर सकता है. इन लोगों के लिए नाम, लिंग, पता और जन्म तिथि को उपलब्ध बायोमेट्रिक्स के साथ दर्ज कराया जाएगा. वहीं, छूटे हुए बायोमेट्रिक्स को सॉफ्टवेयर में रेखांकित(Highlight) किया जाता है।
इस प्रकार असाधारण लोगों के लिए नामांकन प्रक्रिया के बाद आधार नंबर जनरेट किया जाता है.
राजीव चंद्रशेखर ने दिया निर्देश
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले में हस्तक्षेप तब किया, जब उन्हें जानकारी मिली कि केरल में एक दिव्यांग महिला हाथ की अंगुलियां न होने के कारण आधार के लिए नामांकन नहीं कर सकी.
इसके बाद राज्य मंत्री ने तत्काल एक्शन लेते हुए यह सुनिश्चित किया कि महिला का आधार नामांकन जल्द से जल्द हो सके.
ये भी पढ़ें:
Police Harassment: पुलिसवाला थप्पड़ मार दे तो क्या कर सकते हैं आप? जानें कहां करें शिकायत
UIDAI करता है हर दिन 1,000 लोगों का नामांकन
चंद्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सेवा केंद्रों से कहा गया है कि धुंधले 'फिंगरप्रिंट' या इसी तरह की दिव्यांगता वाले अन्य लोगों को वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर आधार जारी किया जाना चाहिए। यूआईडीएआई ने व्यवस्था होने के बावजूद लापरवाहियों की समीक्षा की तब पता चला कि ऐसा आधार नामांकन ऑपरेटर की ओर से प्रक्रिया का पालन नहीं करने के कारण हुआ था। UIDAI असाधारण नामांकन के तहत हर दिन लगभग 1,000 लोगों का नामांकन करता है। यानी कोई भी पात्र आधार नामांकन से वंचित नहीं रहेगा.