क्या आपकी जमीन पर भी कब्जा कर सकती है सरकार? जान लीजिए क्या है नियम
Land acquisition Rules In India: भारत में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किए गए हैं. चलिए आपको बताते हैं भारत सरकार किस तरह से किसी की जमीन पर कब्जा कर सकती है. क्या हैं सरकार के इसे लेकर नियम.
Land acquisition Rules In India: भारत सरकार ने कई चीजों को लेकर भारत में नियम बनाए होते हैं. इन नियमों के तहत ही उन चीजों को पूरा करने की प्रक्रिया की जाती है. भारत सरकार का एक नियम भूमि अधिग्रहण को लेकर के भी है. यानी भारत सरकार अगर चाहे तो किसी भी व्यक्ति की जमीन कब्जा कर सकती है. हालांकि ऐसा विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है.
और यह कानून के दायरे में रहकर किया जाता है. समान्य तौर पर सरकार किसी पब्लिक वेलफेयर के प्रोजेक्ट को लेकर ही ऐसा करती है. इसके लिए भारत में भूमि अधिग्रहण कानून लागू किए गए हैं. चलिए आपको बताते हैं भारत सरकार किस तरह से किसी की जमीन पर कब्जा कर सकती है. क्या हैं सरकार के इसे लेकर नियम.
सरकार ले सकती है आपकी जमीन
भारत में सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण विशेष परिस्थितियों में पब्लिक वेलफेयर प्रोजेक्ट के लिए किया जाता है. जैसे सड़क बनाना हो, रेलवे का कुछ काम करना हो, एयरपोर्ट बनना हो या बिजली संयंत्र से जुड़ा हुआ कोई काम. अगर इस तरह का कोई पब्लिक वेलफेयर प्रोजेक्ट होता है. तो इस तरह की विशेष परिस्थितियों में सरकार आपकी जमीन पर कब्जा कर सकती है. उसे टेक ओवर कर सकती है.
हालांकि इसके लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत कुछ नियम भी बनाए हैं. जिससे जनता को भी नुकसान ना हो. भूमि अधिग्रहण होने पर सरकार को जमीन के मालिक को उचित मुआवजा भी देना होता है. बाजार की रेट के हिसाब से सरकार की ओर से जमीन मालिक को उसकी जमीन के बदले सरकार मुआवजा चुकाती है.
कैसे किया जाता है भूमि अधिग्रहण?
जब सरकार कोई पब्लिक वेलफेयर प्रोजेक्ट शुरू करती है. जिसमें सड़क का निर्माण हो, अस्पताल बनाना हो, स्कूल बनाना हो, रेलवे से जुड़ा कोई काम हो. तो सरकार आपकी जमीन ले सकती है. लेकिन इस तरह के मामलों में सरकार पहले ही इस बात की घोषणा कर देती है कि इस प्रोजेक्ट में आपकी जमीन का इस्तेमाल होगा. और सरकार की ओर से आपको एक नोटिस भी दिया जाता है. अगर आपको इसे लेकर कोई आपत्ति है तो आप अपनी आपत्ति दर्ज कर सकते हैं.
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इसके लिए आपको एक समय सीमा भी दी गई होती है. अगर आपत्ति सही पाई जाती है तो मामला जमीन के मालिक के पक्ष में भी सुनाया जा सकता है. इसके अलावा मुआवजे को लेकर या फिर अधिग्रहण को लेकर किसी तरह की कोई परेशानी आती है, तो कोर्ट में भी अपील की जा सकती है. कोर्ट अगर अधिग्रहण को गैर कानूनी पाता है तो ऐसे में अधिग्रहण को कैंसिल भी कर सकता है.
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