क्या आप बाइक में लगवा सकते हैं बैट्री? पेट्रोल का खर्चा हो जाएगा खत्म, मगर पहले ये नियम भी जान लें
कुछ लोग अपनी पुरानी पेट्रोल बाइक को ही इलेक्ट्रिक बाइक में बदलवा ले रहे हैं. लेकिन क्या ऐसा करवाया जा सकता है? क्या कानून इसकी इजाजत देता है? चलिए जानते हैं इसके बारे में कानून क्या कहता है.
पेट्रोल की कीमतें दिन-ब-दिन बढ रही हैं. लोगों को ऐसे में पेट्रोल बाइक से चलना काफी महंगा पड़ जा रहा है. अब लोग इसके विकल्प ढूंढने लगे हैं. पेट्रोल बाइक का सबसे बड़ा विकल्प है इलेक्ट्रिक बाइक. मार्केट में इन दिनों खूब इलेक्ट्रिक बाइक मौजूद है. जो कि बढ़िया स्पीड के साथ अच्छा एवरेज दे देती है. लेकिन इलेक्ट्रिक बाइक की बात की जाए तो नई इलेक्ट्रिक बाइक लगभग 1 लाख के करीब आती है.
ऐसे में लोग इतनी इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहते. इसलिए कुछ लोग अपनी पुरानी पेट्रोल बाइक को ही इलेक्ट्रिक बाइक में बदलवा ले रहे हैं. लेकिन क्या ऐसा करवाया जा सकता है? क्या कानून इसकी इजाजत देता है? चलिए जानते हैं कैसे लोग अपनी बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट करवा रहे हैं. और क्या कहता है भारतीय कानून इसके बारे में.
पेट्रोल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन लगवा रहे हैं लोग
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान होते हुए लोगों ने अब एक अलग तरीके का जुगाड़ खोज लिया है. कई लोग अपनी पेट्रोल बाइक को अब इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट करवा लिया है. इसके लिए लोग पेट्रोल इंजन और गियर बॉक्स निकलवा दे रहे हैं और इलेक्ट्रिक इंजन गाड़ी में फिट करवा ले रहे हैं.
इसके बाद वह बैटरी चार्ज करके अपनी बाइक को किसी इलेक्ट्रिक बाइक की तरह चल रहे हैं. बाइक में बैटरी लगने के बाद बाइक की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की आ रही है. इस प्रक्रिया को अपनाने वाले लोगों को कहना है कि पेट्रोल इंजन से इलेक्ट्रिक इंजन करवाने की पूरी प्रक्रिया में 10 हजार का खर्चा आ रहा है.
भारतीय कानून नहीं देता इजाजत
भारत में गाड़ियों के मामले में कुछ कानून बनाए गए हैं जो सभी को पालन कर रहे हैं. साल 1988 में मोटर व्हीकल एक्ट अधिनियम लागू हुआ था. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 52 के तहत पेट्रोल इंजन बाइक में आप इलेक्ट्रिक इंजन नहीं लगवा सकते.
इसके अनुसार आप अपनी बाइक में ऐसा कोई भी बदलाव नहीं कर सकते जिससे आपका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जानकारी में बदलाव आए. यानी आप अपनी पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में कन्वर्ट नहीं करवा सकते यह गैरकानूनी है. इसके लिए प्रशासन आप पर कार्रवाई कर सकता है.
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