क्या हड़ताल करने वालों को हो सकती है जेल, ट्रक स्ट्राइक के बीच जानिए ये नियम
देश में हिट एंड रन कानून को लेकर यूनियन और बस चालकों की हड़ताल लगातार जारी है. आज हम आपको बताएंगे कि सरकार हड़ताल करने वालों के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई कर सकती है.
पूरे देशभर में हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में वाहन चालकों की हड़ताल जारी है. इस हड़ताल का असर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहां अलग-अलग राज्यों में सफर करने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा, उधर दूसरी तरफ ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है चालकों के लिए सड़क दुर्घटना के लिए बनाया गया नया कानून अगर नहीं बदला जाएगा, तो यह स्ट्राइक अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दी जाएगी. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि हड़ताल करने वालों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई कर सकती है, क्या इन्हें जेल भी हो सकती है.
विरोध का अधिकार
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) सभी नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है. वहीं अनुच्छेद 19(1)(b) के मुताबिक सभी नागरिकों को बिना हथियार के शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित होने का मौलिक अधिकार है. इस प्रकार विरोध के अधिकार को संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता प्राप्त है.
हड़ताल का अधिकार
भारत में विरोध का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत एक मौलिक अधिकार है.लेकिन हड़ताल का अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है बल्कि एक कानूनी अधिकार है. इस अधिकार के साथ औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत वैधानिक प्रतिबंध जुड़ा हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने पर सरकार कानूनी तरीके से हड़ताल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
कानूनी कार्रवाई
देश में विरोध या हड़ताल किसी भी स्थिति में अगर सरकारी संपत्ति और आमजन को नुकसान पहुंचता है. उस स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार कानूनी तरीके से कार्रवाई कर सकती है. देश का संविधान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन किसी भी तरीके से आपराधिक गतिविधियां होने पर पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है.
क्या है नया कानून
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन कानून में जो नए प्रावधान हैं. उसके मुताबिक अगर गाड़ी ड्राइवर सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना अगर फरार होता है, उसे 10 साल की सजा होगी. इसके साथ ही ड्राइवर से भारी जुर्माना भी वसूला जाएगा.