होम लोन से कितना महंगा होता है कार लोन? जान लें अपने काम की ये बात
Car Loan Home Loan Comparison: कार लोन और होम लोन में कौनसे लोन की ब्याज दर ज्यादा होती है. आपको कौनसा महंगा पड़ सकता है. कार लोन लेते वक्त आप किन बातों का रखना चाहिए ध्यान. चलिए जानते हैं.
Car Loan Home Loan Comparison: आज के समय में किसी को भी अगर किसी चीज के लिए पैसों की आवश्यकता होती है. तो उसके लिए बैंक तरह-तरह के लोन मुहैया करवाते हैं. जिनमें में अगर आपको कार खरीदनी है. तो बैंक की ओर से आपको कार लोन मिलता है. वहीं अगर आप घर खरीदना चाहते हैं. तो उसके लिए आपके पास होम लोन लेने का ऑप्शन है.
तो वहीं अगर आपको कोई पर्सनल काम के लिए पैसे चाहिए. तो उसके लिए आप पर्सनल लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं. यह तो हुई कितने प्रकार के लोन होते हैं उसकी बात. अब हम आपको बताएंगे कार लोन और होम लोन में कौनसे लोन की ब्याज दर ज्यादा होती है. आपको कौनसा महंगा पड़ सकता है. चलिए जानते हैं.
कार लोन होम लोन से होता है महंगा
कार लोन की तुलना अगर होम लोन से करें तो यह थोड़ा मंहगा होता है. सामान्य तौर पर बैंकों द्वारा कार लोन 9% की ब्याज दर से शुरू होता है. तो वहीं होम लोन की बात की जाए तो यह 8.50% की ब्याज दर पर शुरू होता है. यह हमने आपको न्यूनतम ब्याज दरों के आधार पर आंकड़े बताए हैं. तो वहीं अगर हम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई के कार लोन और होम लोन को तुलनात्मक तौर पर देखें तो आपको फर्क नजर आ जाएगा.
एसबीआई की ओर से जो कार लोन दिया जाता है. वह 8.75% से 14.90% की ब्याज दरों पर दिया जाता है. अगर हम एसबीआई के होम लोन की बात करते हैं. तो वह 8.50%- से 9.85% तक की ब्याज दरों पर दिया जाता है. कार की अधिकतम अवधि 8 साल होता है. तो वहीं होम लोन की अधिकतम अवधि 30 साल तक होती है. इसी तरह बाकी बैंकों द्वारा भी कार लोन होम लोन ले सस्ती ब्याज दरों पर मिलता है.
कार लोन लें तो ध्यान रखें इन बातों का
अगर आप कार खरीदने के विचार में हैं. तो आपको इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. आपको कार लोन लेते वक्त बैंक और कंपनियों के सभी ऑफर्स को अच्छे से चेक करना चाहिए. और अपने बजट के हिसाब ले लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए.
कार लोन लेने के बाद आपको शुरूआत में डाउनपेमेंट थोड़ा ज्यादा कर सकते हैं. इससे आपको कम देना पड़ेगा. और आपकी महीने की ईएमआई भी कम बनेगी. कार लोन लेते समय ही आपको उसको इंश्योरेंस भी ले लेना चाहिए. ताकि आपको भविष्य में होने वाले किसी भी नुकसान से बच सकते हैं.
यह भी पढ़ें: UPI Transaction: UPI पेमेंट फेल होने पर इतने घंटे में वापस आ जाते हैं कटे हुए पैसे, नहीं तो बैंक को देनी होगी पैनल्टी