Card Tokenization क्या होता है? जानिए कैसे ये आपकी प्राइवेसी को सुरक्षा प्रदान करता है?
वेबसाइट या मर्चेंट के साथ ऑनलाइन खरीदारी करने पर उसके पास आपकी डिटेल्स सेव हो जाती हैं, इनका हैकर्स गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. RBI का यह टोकेनाइजेशन फॉर्मूला हमें इसी फ्रॉड से बचाने के लिए है.
Card Tokenization: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए Card Tokenization नाम का एक नया सुरक्षा कवच तैयार किया है. जिसका मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और मजबूत बनाना है. टोकनाइजेशन शब्द टोकन से संबंधित जरूर है, लेकिन इसका अर्थ कैसीनो और रेस्टोरेंट पर मिलने वाले टोकन से बिल्कुल नही है. आज हम जानेंगे कार्ड टोकनाइजेशन क्या है? साथ ही यह कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे होते हैं? तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कार्ड टोकनाइजेशन से जुड़ी पूरी जानकारी.
क्या होता है कार्ड टोकेनाइजेशन?
टोकनाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें ऑनलाइन पेमेंट के समय डेबिट या क्रेडिट कार्ड के संवेदनशील डेटा को गैर-संवेदनशील डेटा में बदल दिया जाता है. संवेदनशील डेटा में आपका 16 डिजिट का प्लास्टिक कार्ड नंबर, नाम, एक्सपायरी डेट और कोड आते हैं. इस प्रक्रिया के अंतर्गत इन्हे एक यूनिक alternate card number में बदल दिया जाता है, इसे ही टोकन कहा जाता है. इस टोकन से ग्राहक किसी भी थर्ड पार्टी ऐप या वेबसाइट से कांटेक्टलैस भुगतान कर सकता है.
Tokenization क्यों जरूरी है?
जब भी आप किसी वेबसाइट या मर्चेंट के साथ ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आमतौर पर आपके कार्ड की डिटेल्स मर्चेंट के पास सुरक्षित हो जाती है. ऐसे में यदि किसी कारण merchant की वेबसाइट हैक हो जाती है और ये डिटेल्स हैकर के हाथ लग जाती है तो ग्राहकों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. भारतीय रिजर्व बैंक इसे ठीक करने के लिए टोकेनाइजेशंस को अनिवार्य बनाना चाहता है. इसके बाद कार्ड की सुरक्षा की जिम्मेदारी व्यापारियों पर नहीं, बल्कि बैंकों और प्रोसेसर पर रहेगी.
कैसे काम करता है Card Tokenization?
टोकनाइजेशन की प्रक्रिया में ग्राहक के संवेदनशील डेटा को एक बार इस्तेमाल होने वाली अल्फानुमेरिक ID में बदल दिया जाता है. इसकी खुद की कोई वैल्यू नहीं होती या फिर ऐसा कह सकते हैं कि इसका खाते के मालिक से कोई संबंध नहीं होता. इस रैंडमली बने टोकन का इस्तेमाल ग्राहक के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी को सुरक्षित तरीके से संचारित में होता है. यह टोकन अपने पास ग्राहकों की किसी भी तरह की संवेदनशील जानकारी नहीं रखता. यह एक मैप की तरह बैंक को बताता है कि इस ग्राहक की संवेदनशील जानकारी उनके सिस्टम में कहां स्टोर हुई है. इन टोकंस को reverse नहीं किया जा सकता. मर्चेंट के सिस्टम से अलग इस टोकन की कोई वैल्यू नहीं होती है.
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