Government Public Grievance System: सरकार के आधिकारिक शिकायत पोर्टल पर दर्ज की जाने वाली शिकायतों को पहले निपटने के लिए 30 दिन का अधिकतम समय लगता था. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समय को घटकर 21 दिन कर दिया है. सेंट्रलाइज्ड पब्लिक ग्रीवेंस रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम पर दर्ज होने वाली शिकायतों के निवारण के लिए पहले 60 दिन का समय लगता था.
जिसे साल 2020 में घटकर 45 दिन कर दिया गया था. तो वहीं साल 2022 में घटकर 45 दिन से घटाकर 30 दिन कर दिया गया था. लेकिन अब शिकायत निपटान समय अवधि को और भी कम करके 21 दिन कर दिया गया है. चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़े नियम.
अब शिकायत का 21 दिन होगा समाधान
जन शिकायत के समाधान के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) के पोर्टल पर सरकार को सालाना 30 लाख से ज्यादा शिकायतें मिलती है. यह शिकायतें अलग-अलग विभागों से जुड़ी होती हैं.
साल 2022 तक इन शिकायतों के निवारण के लिए विभागों के पास 30 दिन का समय हुआ करता था. लेकिन अब इस समय सीमा को घटकर 21 दिन कर दिया गया है. इससे अब भारत के करोड़ों नागरिकों को फायदा होगा. सरकार द्वारा सभी संबंधित विभागों को और उनके सचिवों को इससे जुड़ी जानकारी साझा कर दी गई है.
फिलहाल 13 दिन लग रहे हैं निपटान में
इस साल में अब तक केंद्र द्वारा सभी शिकायतों का 13 दिनों के भीतर निपटारा किया जा रहा है. जुलाई 2024 लगातार 25वां महीना था, जिसमें केंद्रीय सचिवालय ने प्रति महीने 1 लाख से ज्यादा शिकायत के निपटान का रिकॉर्ड बनाया. इसके चलते पुराने लंबित मामले काफी कम हुए हैं. सरकार के बताएं आंकड़ों के अनुसार अब इन मामलों की संख्या 66066 रह गई है, इनमें से 69% जो मामले हैं वह 30 दिन से भी कम समय से पेंडिंग हैं.
नहीं चलेगी विभागों की बहाने बाजी
केंद्र सरकार अब सभी शिकायतों का निवारण 'सरकार के समग्र दृष्टिकोण' के अनुसार करेगी. इस वजह से कोई भी विभाग यह कहकर शिकायत को बंद नहीं कर पाएगा कि यह इस मंत्रालय, इस विभाग और इस कार्यालय से संबंधित नहीं है. अगर दर्ज की गई शिकायत उस विभाग से संबंधित नहीं होती तो उस विभाग की जिम्मेदारी होगी कि उसे वह सही विभाग तक पहुंचाएं.
अधिकारी खुद करेंगे शिकायतकर्ता से बात
अगर किसी शिकायत को लेकर संबंधित दस्तावेज मौजूद नहीं है. तो ऐसे में भी शिकायत को बंद नहीं किया जा सकता. इस तरह की स्थिति में अधिकारियों को कुछ शिकायतकर्ताओं से बात करनी होगी और उनसे संबंधित दस्तावेज देने को कहना होगा.
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