इस राज्य में चलती है मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना, जानें कौन ले सकता है ट्रेनिंग
जो लंबे समय से बेरोजगार हैं या जिन्हें कौशल के अभाव में काम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की गई थी, जिसमें उन्हें स्किल्ड बनाकर रोजगार दिया जाता है.
मध्य प्रदेश में 15 जून 2023 को ' मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना' की शुरुआत हुई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना के बाद उन युवाओं का भी ख्याल करना शुरू किया था, जो लंबे समय से बेरोजगार हैं या जिन्हें कौशल के अभाव में काम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू की गई थी, जिसमें उन्हें स्किल्ड बनाकर रोजगार दिया जाता है. इसके लिए 18 साल से 29 साल तक के युवा योजना में पात्र होंगे.
क्वालिफिकेशन के अनुसार मिलता है पैसा
इस योजना के अंतर्गत क्वालिफिकेशन के हिसाब से तनख्वाह दी जाती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए न्यूनतम 12 वीं पास होना जरूरी है. वेतन इस प्रकार है.
- न्यूनतम 12वीं पास व्यक्ति: 8 हजार प्रति माह
- आईटीआई डिग्री की न्यूनतम योग्यता वाले व्यक्ति: 8500 हजार प्रति माह
- डिप्लोमा डिग्री वाले व्यक्ति: 9000 हजार प्रति माह
- स्नातक डिग्री वाले व्यक्ति: 10 हजार प्रति माह
इस तरह कर सकते हैं पंजीकरण
समग्र आईडी पोर्टल पर जाइए और ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी कीजिए. ऐसा करते ही आपके लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा, जिसे आपको OTP के लिए दी गई खाली जगह पर भरना है.
OTP भरते ही आपके सामने वेब पेज खुलेगा जिस पर आपको दी गई सभी जानकारी को ध्यान से चेक करना है, इस प्रक्रिया के बाद आपको अपना ईमेल पता मिल जाएगा. आपको जो ईमेल आईडी मिली है उस पर प्राप्त ओटीपी को वेरीफाई करना है.सबमिट बटन पर क्लिक करना है और आपकी पंजीकरण कि प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर यूजर आईडी और पासवर्ड भेजा जाएगा.
आज तक 10,432 प्रतिष्ठानों ने इस योजना के लिए सफलतापूर्वक पंजीकरण कराया है. यह योजना विश्व स्तर पर अपनी तरह की अनूठी पहल है. बयान में कहा गया है कि नए कौशल हासिल करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को आगे आकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए.
क्या कहा था तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने
तत्कालीन सीएम ने कहा था कि 12वीं पास बच्चे, आइटीआई पास बच्चे, ग्रुजेएशन और पीजी उत्तीर्ण बच्चों को काम सिखाने के लिए योजना बनाई, जो बेरोजगारी भत्ते की बात करते हैं वो कभी देते नहीं है और बेरोजगारी भत्ता परमानेंट उपाय भी नहीं है. चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती वह अपने बच्चों को पंख देती है जिससे वह अनंत आसमान में ऊंची उड़ान भर सकें. यह योजना युवाओं को पंख देगी जिससे वह सफलता की ऊंची उड़ान भर सके. इस योजना के तहत 700 अलग-अगल काम तय किए हैं जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठान काम सिखाएंगे.
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