Circular Train Ticket: भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. इन यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे हजारों ट्रेनें चलाती है. भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल व्यवस्था है. और इसे भारत की लाइफ लाइन भी कहा जाता है. लोग जब घूमने के लिए या कहीं जाने के लिए प्लानिंग करते हैं. तो बहुत पहले ही ट्रेन की बुकिंग करवा लेते हैं.
क्योंकि फिर बाद में कंफर्म टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है. कई बार लोग आने और जाने दोनों की टिकट बुक करवा लेते हैं. लेकिन रेलवे में एक टिकट ऐसी भी होती है. जिसे बुक करवाने के बाद आप लगातार 56 दिन तक ट्रेन में सफर कर सकते हैं. इस टिकट को कहा जाता है सर्कुलर टिकट. क्या होती है इसकी खासियत. और किस तरह करवाई जा सकती है यह बुक. चलिए आपको बताते हैं.
मिलते हैं टोटल 8 ब्रेक
सर्कुलर टिकट एक खास तरह की टिकट होती है. इस टिकट पर आप भारतीय रेलवे में 56 दिन तक ट्रेवल कर सकते हैं. लेकिन इस टिकट पर सफर करने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए होते हैं. जैसे कि आप इस टिकट को लेकर सिर्फ आठ स्टेशनों पर ही उतर सकते हैं. यानी अपने अगर किसी स्टेशन से सफर करना शुरू किया है तो इस दौरान ट्रेन कहीं रूकती है तो इस बीच आपको सिर्फ आठ स्टेशनों पर ही उतरने की अनुमति होती है. और आखिर में जिस स्टेशन से आपने अपना सफर शुरू किया होता है. उसी स्टेशन पर वापस आना होता.
इस बीच जिन स्टेशनों पर आप उतरते हैं. वहां आप कुछ दिन घूम भी सकते हैं और वापस से अपने सफ़र को जारी रख सकते हैं. अगर उदाहरण के तौर पर बताएं तो जैसे आपने दिल्ली से आगरा, ग्वालियर, झांसी और भोपाल के लिए सर्कुलर टिकट लेकर सफर शुरू किया. तो आप बीच में दिल्ली से आगरा उतरकर कुछ दिन घूम सकते हैं और फिर वापस आगे के लिए अपना सफर शुरू कर सकते हैं.
कैसे करवाएं सर्कुलर टिकट बुक?
सर्कुलर टिकट बुक करवाने के लिए आपको रेलवे डिवीजन के कामर्शियल मैनेजर से मिलन होता है. वह आपकी जो ट्रेन यात्रा होती है उसे देखते हुए टिकट की कीमत तय करते हैं और इसके बाद स्टेशन मैनेजर को इस बारे में सूचना देते हैं. फिर आप जिस स्टेशन से अपना सफर शुरू करते हैं.
वहां से आपको सर्कुलर टिकट लेना होता है. और आपको इस बीच जिन स्टेशन पर ब्रेक लेना होता है उनके बारे में भी बताना होता है. टिकट की कीमत की बात की जाए तो यह कितने दिनों के लिए ली जा रही है, और यात्रा के बीच आप कितने दिनों तक घूमेंगे और कितने दिन सफर करेंगे. उस हिसाब से तय की जाती है.
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