Coaching Centre Guidelines: पिछले कुछ सालों में नौकरियों और एग्जाम्स का कॉम्पिटिशिन इतना बढ़ गया है कि बच्चे लगातार दबाव में हैं. यही वजह है कि कोचिंग सेंटर्स में भीड़ बढ़ रही है और इसके लिए पेरेंट्स को लाखों रुपये की फीस भी देनी पड़ रही है. तमाम पेरेंट्स पर भी इस बात का दबाव होता है कि वो अपने बच्चों को कितने अच्छे कोचिंग सेंटर में डालते हैं. इसके लिए पहले से ही कतार में हजारों लोग होते हैं. कई बार देखा गया है कि कोचिंग सेंटर बच्चों और पेरेंट्स से बड़े वादे करते हैं, लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते... जिसके बाद कई बार बीच में ही कोचिंग छोड़नी पड़ती है.
मांग सकते हैं रिफंड
अक्सर जब बीच में कोचिंग छोड़ने को कहा जाता है तो कोचिंग सेंटर अपनी पॉलिसी का जिक्र करते हुए रिफंड करने से साफ मना कर देते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को हजारों रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है. हालांकि अब ऐसा नहीं होगा, इसके लिए बस आपको जागरुक रहने की जरूरत होती है. आप कोचिंग सेंटर से रिफंड मांग सकते हैं और ऐसा नहीं करने पर उसकी शिकायत भी कर सकते हैं.
सरकार की नई गाइडलाइन
कोचिंग सेंटर्स के लिए हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की तरफ से नई गाइडलाइन जारी की गईं, जिनमें साफ बताया गया है कि कोचिंग सेंटर अपनी मनमर्जी नहीं चला सकते हैं. कोई भी कोचिंग सेंटर झूठे वादे नहीं कर सकता है, साथ ही 16 साल से कम उम्र की बच्चों को कोचिंग सेंटर में एडमिशन भी नहीं दे सकता है. उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है. इसी गाइडलाइन में एक नियम रिफंड को लेकर भी है. इसके मुताबिक 10 दिन के भीतर कोचिंग सेंटर को बाकी फीस रिफंड करनी होगी.
यानी अगर कोई कोचिंग सेंटर आपसे कहे कि उनकी पॉलिसी के हिसाब से कोई भी रिफंड नहीं दिया जाता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं, साथ ही उन्हें भी सरकार की गाइडलाइन के बारे में बता सकते हैं. कोचिंग कर रहे बच्चों पर दबाव और लगातार बढ़ रहे सुसाइड के मामलों को देखते हुए सरकार ने ये नई गाइडलाइन बनाई है.