2024 लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय बचा है, चुनाव की तारीख के साथ ही आचार संहिता की तारीख भी तय हो जाती है. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए फरवरी में अचार संहिता संभवत आचार संहिता लग सकती है. आचार संहिता लागू होने के बाद से राजनीतिक दलों, सरकारी कामों और आमजन को कुछ दिशा निर्देशों का पालन करना होता है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की ओर से चुनाव का संचालन स्वतंत्र और निष्पक्ष हो. 



कब लागू होती है आदर्श आचार संहिता


विधानसभा या लोकसभा चुनाव की तिथि के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग की ओर से उस राज्य या पूरे देश में आचार संहिता की तारीख भी तय हो जाती है. 


 


आदर्श आचार संहिता में नहीं होते हैं ये काम


आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर नहीं हो सकते


राज्य या केंद्र सरकार कोई भी नई योजना लागू या नई योजना की घोषणा नहीं कर सकती. 


अक्सर आचार संहिता लगने के बाद अटक जाते हैं सरकारी कानूनी काम. अगर कोई सरकारी काम अटका हुआ है तो जल्दी निपटा लें. 


राजनीतिक दल अपने प्रचार के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं कर सकते हैं. नियमों का उल्लंघन करने पर प्रत्याशी का नामांकन कैंसिल भी हो सकता है


राजनीतिक पार्टियां वोटरों के लिए मतदान केंद्र पर आने जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं कर सकती


चुनाव के दौरान धार्मिक स्थलों प्रतिकों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. 


चुनाव के एक दिन पहले से शराब पर रोक लग जाती है


नियमों को उल्लंघन करने वाले को आसानी से जमानत नहीं मिल पाती. चाहे फिर वह कोई भी हो



लोकसभा चुनाव में पहली बार हुआ आचार संहिता का पालन?


साल 1962 के लोकसभा आम चुनाव में पहली बार चुनाव आयोग ने इस संहिता को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में वितरित किया था.


 


यह काम नहीं रुकेंगे


शासकीय कार्यालयों में आम जनता से जुडे़ डेली रूटीन के काम आचार संहिता के दौरान प्रभावित नही होंगे। वे जारी रहेंगे। पहले से जो काम चल रहा है या शुरू हो चुका है वो काम जारी रहेंगे.