चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है, लाखों की संख्या में कई श्रद्धालु यात्रा के लिए घर से निकल चुके हैं. चार धाम यात्रा के दौरान बहुत लोगों की मौत की खबर भी सुनने को मिल रही है. इनमें अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक की वजह से होती है तो वहीं कुछ मौतें सड़क दुर्घटना के कारण भी होती हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं, अगर किसी व्यक्ति की चार धाम यात्रा के दौरान मौत हो जाएं, तो उसे मुआवजा मिलता है या नहीं? जानकारी के मुताबिक जो लोग केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री परिसर में किसी हादसे का शिकार होते हैं, तो उन्हें ₹1 लाख तक का बीमा कवर मिलता है. 


मिलेगा बीमा कवर


बता दें कि यदि यात्री के पास दुर्घटना बीमा है, तो बीमा कंपनी पॉलिसी की शर्तों के अनुसार मुआवजा देगी. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार सरकारी योजनाओं के अनुसार मृतक के परिवारजनों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. मुआवजा लेने के लिए आपको सबसे पहले दुर्घटना की रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों या पुलिस को देनी होगी. इसके अलावा आप मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करें, अगर आपके पास दुर्घटना बीमा नहीं है, तो बीमा कंपनी को आपको दावा देना होगा. इसके अलावा आप मदद के लिए एनजीओ में भी संपर्क कर सकते हैं. 


दुर्घटना के बारे में दें जानकारी


यहां कुछ उपयोगी संस्थान दिए गए हैं. मुख्यमंत्री राहत कोष https://cmrf.uk.gov.in/ और उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग https://usdma.uk.gov.in/ की वेबसाइट पर जाकर आप मदद ले सकते हैं. चार धाम यात्रा के दौरान प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं. जो 24 घंटे चालू रहते हैं ताकि तीर्थ यात्रियों की समस्याओं का निवारण किया जा सके. आप हेल्पलाइन नंबर की मदद से भी दुर्घटना के बारे में जानकारी दे सकते हैं. ध्यान रहे इस मुआवजा के हकदार सिर्फ वही है, जिनकी मृत्यु  तीर्थ यात्रा के दौरान किसी दुर्घटना, सड़क हादसा, पशु हमले की वजह से हुई हो या फिर मृत्यु का कारण कोई बीमारी हो.


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