Compensation On Death Due To Landslides: बीते मंगलवार केरल के वायनाड में भूस्खलन यानी लैंडस्लाइड के चलते कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. भारी बारिश के बाद देर रात भूस्खलन की घटना हुई लोग सोते-सोते ही बह गए. इसके कुछ घंटे फिर से दोबारा भूस्खलन हुआ जिससे और लोगों को नुकसान हुआ. इसके बाद एक बार और भूस्खलन हुआ. कुछ घंटों के इंटरवल पर लगातार हुए भूस्खलन ने वायनाड क्षेत्र के 4 गांवों को बुरी तरह तबाह और बर्बाद कर दिया.


इस भयंकर आपदा के चलत 150 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इस हादसे के बाद से ही कई लोगों को मन में यह सवाल आ रहा है कि क्या लैंड स्लाइड जैसी दुर्घटना में किसी जान जाती है. तो फिर सरकार की ओर से क्या मुआवजा दिया जाता है. चलिए आपको बताते हैं. इस मामले पर मुआवजे को लेकर क्या है सरकार के नियम चलिए बताते हैं. 


पीएम राहत कोष से मिलते हैं इतने रुपये


किसी देंगे या फिर प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु पर केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री राहत कोष द्वारा तुरंत मदद दी जाती है. साल 1948 में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री राहत कोष का गठन किया था. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस राहत कोष के जरिए अलग-अलग मौके पर देश के नागरिकों को आर्थिक सहायता देते हैं.


केरल के वायनाड में हुए लैंडस्लाइड में भी बहुत से लोग बुरी तरह घायल हुए हैं. तो वहीं कई लोगो की मौत भी हुई हैं. लोगों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम रिलीफ फंड से मृतकों के परिजनों को ₹200000 तो वहीं जो लोग गंभीर रूप से घायल हो रहा है ₹50000 की राशि दी जाएगी.  


राज्य सरकार ने भी देती है अलग से पैसे


जहां प्रधानमंत्री अपने पीएम रिलीफ फंड से लोगों की मदद के लिए पैसे देते हैं. तो वहीं राज्य सरकारें भी अपने राज्य के नागरिकों को मुआवजा देती है. अलग-अलग राज्यों में यह मुआवजा राशि अलग-अलग होती है. मसलन उत्तर प्रदेश में मौत होने पर ₹400000 की आर्थिक सहायता की जाती है.


तो वहीं मध्य प्रदेश में अभी प्राकृतिक आपदा जिसने लैंडस्लाइड यानी भूस्खलन जैसी आपदा भी शामिल है. इस स्थिति में चार लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाते हैं. बता दें केरल सरकार की ओर से लैंडस्लाइड में जान गंवाने वालों के लिए और गंभीर रूप ये घायल लोगों के लिए फिलहाल मुआवजे की राशि का ऐलान नहीं किया गया है. 


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