Credit Card Statement: जिस तरह से हर चीज में बदलाव आया है. इस तरह से लोगों के खर्च करने का तरीका भी बदल चुका है. पहले लोग पैसे खर्च हो जाने पर खर्च को रोक दिया करते थे. लेकिन अब क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. क्रेडिट कार्ड के आने से लोगों को खूब सहूलियतें भी हुई हैं. अगर किसी को कोई सामान लेना है. लेकिन उसको खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं है. तो वह ईएमआई पर क्रेडिट कार्ड से आसानी से कोई भी सामान ले सकता है. 


साल 2024 तक भारत में क्रेडिट कार्ड के 101 मिलियन यानी 10 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हो चुके हैं. क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को लेकर सावधानी बरतनी पड़ती है. अगर इसका सही से इस्तेमाल करना नहीं आया तो फिर आपको काफी नुकसान भी हो सकता है. हर महीने क्रेडिट कार्ड का बिल जेनरेट होता है. जो आपको 30 दिन की लिमिट के अंदर भरना होता है. नहीं तो आप और पेनल्टी लगाई जाती है. आज हम आपको बताएंगे क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में 7 ऐसी चीजें जिनपर आपको खास ध्यान देना चाहिए. 


बिलिंग और चुकाने की तारीख


क्रेडिट कार्ड की जब स्टेटमेंट में सबसे पहले आपको बिलिंग डेट और उसे चुकाने की तारीख देखनी चाहिए. सामान्य तौर पर आप बिलिंग डेट से लेकर चुकाने की तारीख के बीच 20 से 30 दिन का समय होता है. इस दौरान आपको बिल चुकाने पर एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होता. बिल की ड्यू डेट पर अगर आपके पास पूरे बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं है तो आप मिनिमम पेमेंट कर सकते हैं. आप अपने खर्चों को उसी हिसाब से मैनेज करके चलें जिससे आपको पेमेंट करने के लिए ज्यादा समय मिल सके. 


क्योंकि अगर आप कोई पेमेंट मिस करते हैं. तो आपको लेट फीस देनी होगी. इसके साथ ही ब्याज चुकाना होगा. पेमेंट मिस करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी काफी असर पड़ता है. इसके लिए बेहतर है आप अपने क्रेडिट कार्ड के साथ ऑटो डेबिट फीचर का इस्तेमाल करें.


बकाया राशि


क्रेडिट कार्ड की स्टेटमेंट में जो आपका अमाउंट ड्यू होता है. वह बिलिंग साइकिल के दौरान किए गए खर्च होते हैं. जो की ड्यू डेट से पहले चुकाने होते हैं. इसमें कुछ इंटरेस्ट चार्ज भी होते हैं. तो साथ ही कुछ फीस भी शामिल होती हैं. अगर आप क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं. 


तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है. रीपेमेंट के लिए आपको 10 से 15 दिन का समय मिलता है. अगर आपका बिल 1 महीने की तारीख के आसपास बनता है. तो आपको 45 दिन तक का समय मिल जाता है. किसी पेमेंट को चुकाने के लिए. 


मिनिमम अमाउंट ड्यू


क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में टोटल अमाउंट ड्यू के साथ आपको मिनिमम अमाउंट ड्यू भी दिखाई देता है. क्रेडिट कार्ड का बिल बनने के बाद अगर आपने ज्यादा खर्च कर दिया है. आपके पास चुकाने के लिए पूरे पैसे नहीं है. तो आप एक मिनिमम अमाउंट ड्यू चुका सकते हैं. हालांकि अगर आप पूरा बिल चुकाने की जगह मिनिमम अमाउंट चुकाते हैं.


तो आपका क्रेडिट कार्ड एक्टिव रहता है. लेकिन जो बकाया बैलेंस होता है वह अगले महीने के बिलिंग साइकिल में चला जाता है. और साथ ही उस पर ब्याज भी लगता है. सामान्य तौर पर क्रेडिट कार्ड का ब्याज ज्यादा होता है. इसीलिए बेहतर यही है कि आप पूरा बिल ही समय पर चुका दिया करें. 


इंटरेस्ट रेट और फाइनेंस चार्ज 


बैंक बाजार के एजीएम रवि कुमार दिवाकर के मुताबिक आपको इंटरेस्ट रेट और फाइनेंस चार्जेस के बारे में पहले ही मालूम होना चाहिए. जब आप क्रेडिट कार्ड से किसी काम के लिए पैसे लेते हैं. तब उस पर आपको इंटरेस्ट चुकाना होता है. इस एनुअल परसेंटेज रेट (APR) भी कहा जाता है. जब आप अपना पूरा बकाया बिल ड्यू डेट पर नहीं चुकाते और मिनिमम पेमेंट चुका देते हैं. तो बकाया राशि पर फाइनेंस चार्ज अप्लाई होता है. जो कि आपको  क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देता है. अगर आप इन चीजों का ध्यान रखेंगे. तो आपको फालतू का ब्याज नहीं देना पड़ेगा. 


अन्य चार्ज


क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में बहुत तरह की फीस और चार्ज के बारे में जानकारी होती है. जैसे सालाना फीस, लेट पेमेंट फीस, कैश एडवांस फीस और ओवर लिमिट फीस. जिस हिसाब से अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है. उसी हिसाब से यह फीस एप्लीकेबल होती हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आप इन सभी चीजों को अच्छे से चेक करें. अगर आपको लगता है कि कोई चार्ज एक्सट्रा लगाया गया है. तो अपने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या कंपनी से तुरंत इस बारे में बात करें. 


ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड


क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड. इसमें आपको पता होता है. आपने कौनसा ट्रांजैक्शन कब किया और किस चीज के लिए किया. इसकी सारी जानकारी होती है. अगर आपको लगता है कि कोई ट्रांजैक्शन आपने नहीं किया. कुछ गड़बड़ी लगे तो. तो फिर आप अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी को या बैंक को इस बारे में शिकायत कर सकते हैं. आजकल क्रेडिट कार्ड पर बहुत फ्रॉड भी किया जा रहे हैं इसलिए बेहतर है कि आप ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड चेक करें.


रिवॉर्ड प्वाइंट्स


क्रेडिट कार्ड पर आप जब कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स दिए जाते हैं जैसे-जैसे यह क्रेडिट पॉइंट इकट्ठे होते जाते हैं. वैसे ही उनकी एक एक्सपायरी डेट भी शुरू हो जाती है. इनके बारे में आप कार्ड की स्टेटमेंट में देख सकते है. बहुत से क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड प्वाइंट्स के बदले आपको अच्छे-अच्छे ऑफर, अच्छे अच्छी डील्स देते हैं. अगर आप रिवॉर्ड प्वाइंट्स के बारे में स्टेटमेंट में चेक करेंगे और उन्हें एक्सपायर होने से पहले इस्तेमाल कर लेंगे तो आपको अच्छा फायदा हो सकता है. 


क्या है बैंक बाजार?


बता दें कि बैंक बाजार एक व्यक्तिगत फाइनेंस मैनेजमेंट ऐप है, जो आपके मंथली खर्चों को खुद-ब-खुद ट्रैक करता है. ट्रैकिंग का यह तरीका एकदम सेफ होता है. इसके अलावा अगर आप कोई गलत लेन-देन करते हैं या किसी पेमेंट पर आपको जुर्माना देना पड़ता है तो यह ऐप यूजर को जानकारी भी देता है.


यह भी पढ़ें: NRI से खरीद रहे हैं घर तो इस बात का जरूर रखें खयाल, नहीं तो हो जाएगा लाखों का नुकसान