Deaths Due To Water logging: पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में खूब गर्मी पड़ रही थी. दिल्ली वासियों का गर्मी से बुरा हाल था. लेकिन अब दिल्ली वासियों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. दिल्ली में दिल्ली में मानसून ने दस्तक दे दी है. शुक्रवार की सुबह दिल्ली में जमकर बारिश हुई.


इस बारिश की वजह से एक और जहां दिल्ली वासियों को राहत मिली. तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली की तेज रफ्तार थम गई. दिल्ली में 26 जून को मानसून में दस्तक दी थी और 28 जून को दिल्ली में जमकर बारिश हुई. बेतहाशा बारिश के चलते दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया.


और इस जल भराव के चलते बहुत से लोगों को परेशानी भी हुई है. और इसके चलते कई हादसे भी हुए. अब ऐसे में सवाल आ रहा है कि दिल्ली में जलभराव के कारण हो होने वाली मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है.  नगर निगम, दिल्ली सरकार या फिर केन्द्र सरकार चलिए जानते हैं. 


पीडब्ल्यूडी के अंदर आती है 60 फीट चौड़ी सड़के


दिल्ली के अंदर आने वाली 60 फीट से ज्यादा चौड़ी सभी सड़कें पीडब्ल्यूडी संभालती पीडब्ल्यूडी जो दिल्ली सरकार के अंतर्गत काम करती है. पहले मनीष सिसोदिया पीडब्ल्यूडी मंत्री थे. फिलहाल दिल्ली में पीडब्ल्यूडी मंत्री का कार्यभार दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना संभाल रही हैं.


दिल्ली में जो मुख्य सड़के हैं वह सभी 60 फीट से ज्यादा चौड़ी हैं. यानी कि उन सभी सड़कों की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की बनती है. ऐसे में अगर उन सड़कों पर बारिश में पानी भरता है.  तो जलभराव से होने वाली किसी की मौत के लिए जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी यानी दिल्ली सरकार की बनती है.  


60 फीट से कम चौड़ी सड़के नगर निगम देखता है


दिल्ली में सड़कों को लेकर हिस्सेदारी और जिम्मेदारी बंटी हुई है. जहां 60 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़कें पीडब्ल्यूडी यानी दिल्ली सरकार के जिम्मे हैं. तो वहीं 60 फीट से कम चौड़ी सड़के नगर निगम की देख रेख में होती हैं. ऐसे में अगर इन सड़कों पर जल भराव की कोई समस्या आती है. तो इसकी जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम  की बनती है.


दिल्ली की रिहाइशी काॅलोनियों में ज्यादातर सड़के 60 फीट से कम चौड़ी हैं. इनकी कुल लंबाई की बात की जाए तो 12 हजार किलोमीटर सड़क  नगर निगम देखता है. ऐसे में इन सड़कों पर जलभराव से किसी की मौत होती है. तो इसके लिए नगर निगम जिम्मेदार होता है.  


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