Delhi Police App: दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ साथ एक बड़ा शहर भी है, रोज यहां लाखों की तादाद में बाहर से लोग आते हैं और अपना काम पूरा कर वापस रवाना हो जाते हैं. ऐसे में जितने लोग होंगे गाड़ियां भी उतनी ही बढ़ेंगी. ट्रैफिक का लोड होने की वजह से दिल्ली में हर रोज कई सारी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इसका कारण है ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन. इसे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपना एक ऐप ट्रैफिक सेंटिनल लॉन्च किया था जिससे कि लोग ट्रैफिक पुलिस के मददगार बन सकें और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की जानकारी पुलिस के साथ ऑनलाइन शेयर कर सकें. अब इसे लेकर दिल्ली के एलजी ने एक बड़ी घोषणा कर दी है.


दिल्ली पुलिस ने लॉन्च किया ऐप


ट्रैफिक सेंटिनल ऐप का इस्तेमाल करके अब आप हर महीने 50 हजार रुपये का इनाम दिल्ली पुलिस से ले सकते हैं. इसके लिए दिल्ली के एलजी ने रिवॉर्ड स्कीम की घोषणा की है जिसके बाद से ऐप के यूजर्स की संख्या में अचानक इजाफा देखने को मिला है. ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने मीडिया को बताया कि पिछले गुरुवार को एलजी ने रिवॉर्ड स्कीम की घोषणा की थी, जिसके बाद केवल तीन दिनों के अंदर ही करीब 600 नए लोगों ने इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवा लिया था.



आपको भी मिल सकते हैं 50 हजार रुपये


अगर आपको भी दिल्ली पुलिस से 50 हजार रुपये का इनाम चाहिए तो आपको ट्रैफिक सेंटिनल ऐप का नियमित रूप से इस्तेमाल कर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की जानकारी दिल्ली पुलिस को देनी होगी. इसके अंतर्गत पुलिस ने 1 सितंबर से मंथली रिवॉर्ड स्कीम शुरू की है जिसके तहत जो भी यूजर उचित और सक्रिय रूप से इस ऐप का इस्तेमाल करेगा उसे उसी के हिसाब से रिवॉर्ड पॉइंट दिए जाएंगे और महीने के अंत में इन रिवॉर्ड पॉइंट को केश इनाम के रूप में यूजर्स को सौंप दिया जाएगा. जिसमें इनामी राशि 50 हजार, 25 हजार, 15 हजार और 10 हजार रुपये शामिल हैं.


तीन दिनों में करीब 600 लोग जुड़े


ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि रिवाऱ् स्कीम के बारे में सूचना लगते ही ऐप के यूजर्स की संख्या अचानक बढ़ गई. तीन दिनों के भीतर ही 596 नए यूजर्स इस ऐप से जुड़ चुके हैं. इस ऐप पर पहले से ही एक लाख यूजर्स रजिस्टर्ड हैं. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि ऐप को अपग्रेड कर दिया गया है जिससे इस्तेमाल करने में आसानी होगी.


यह भी पढ़ें: कितने किमी सफर के बाद यूज कर सकते हैं रेलवे का जर्नी ब्रेक, किन ट्रेनों में लागू नहीं होता यह नियम?