PVC Wire: देश में वायर और केबल इंडस्ट्रीज में पीवीसी बदलने की मांग उठ रही है. कहा जा रहा है कि वायरों के उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली प्रमुख कच्ची सामग्री पॉली विनाइल क्लोराइड (पीवीसी) आग और नुकसान को रोकने में कामयाब नहीं हैं. ऐसे में पीवीसी से बने वायर को बदलने के लिए कहा जा रहा है.


दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि "वायर नो फायर" की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पालन करने की आवश्यकता है. यह जीरो हैलोजन प्रदान करते हैं और जो RoHS और REACH की शर्तों को अनिवार्य कर रहे हैं. इससे वायर फॉल्ट होने और आग लगने का खतरा कम हो जाता है. 


पीवीसी वायर कितना सही 


देश में ज्यादातर मिश्रण वाले वायर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे लेकर कई बार शॉर्ट सर्किट से आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में 'वायर नो फायर' का दावा करने वाले पीवीसी वायर सही नहीं है. पीवीसी केवल 70 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान का सामना कर सकता है और यह आग लगने पर जहरीला और घना धुआं निकालता है. इसके अलावा, विजबिलिटी भी जिरो होती है. सांस लेने पर भी नुकसान पहुंचाता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसी समस्याएं आ रही हैं तो इस तरह के वायर के निर्माण पर रोक लगनी चाहिए. 


बीआईएस स्टैन्डर्ड का नहीं हो रहा पालन 


एक्सपर्ट्स के मुताबिक वायर बनाने के लिए बीआईएस स्टैन्डर्ड का पालन नहीं किया जा रहा है. इंडस्ट्री विशेषज्ञ और एईओएन कंसल्टेंट्स के मैनिजिंग पार्टनर आशीष राखेजा का कहना है कि नवीनतम कोड और मानकों को सक्रिय रूप से अपनाया जाना चाहिए ताकि जोखिम को कम किया जा सके. इसके अलावा, स्थानीय और क्षेत्रीय निर्माताओं को सुधार करने की जरूरत है.   


क्या होता है 'वायर नो फायर'


शॉर्ट सर्किट से बचने के लिए 'वायर नो फायर' का कॉन्सेप्ट विकसित किया गया है. यह एक ऐसे वायर को तैयार करने की बात करता है, जिससे आग लगने और किसी तरह के नुकसान होने का खतरा न हो.


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