S&P 500 and Nasdaq 100: कोरोना काल के बाद से भारतीय शेयर बाजार में नए निवेशकों की भागीदारी में जोरदार उछाल देखा गया है. रिटेल निवेशक से लेकर बड़े निवेशकों तक भारतीय शेयर बाजार में सभी अपना पैसा लगा रहे हैं. इसके पीछे का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि जहां एक तरफ पूरी दुनिया मंदी की चपेट में है भारतीय इकोनॉमी तेजी से ग्रो कर रही है. इन सबके बीच कुछ भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी फॉरेन फंड्स में होने लगी है. जब बात फॉरेन फंड्स की होती है तब एस एंड पी 500 और नैस्डेक 100 पर मुद्दा आकर रुक जाता है. अगर आप भी ऐसा कुछ सोच रहे हैं तो आइए पहले इन दोनों के बारे में जान लेते हैं.
क्या होता है एस एंड पी 500?
एसएंडपी 500 एक अमेरिकी शेयर बाजार सूचकांक है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड 500 सबसे बड़ी कंपनियों को ट्रैक करता है. यह दुनिया में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से फॉलो किए जाने वाले शेयर बाजार सूचकांकों में से एक है और इसे पूरे अमेरिकी शेयर बाजार का एक अच्छा बैरोमीटर माना जाता है. एसएंडपी 500 सबसे अधिक कंपनियों वाला इंडेक्स है. हर तीन महीने पर इस इंडेक्स को बैलेंस करने के लिए रिव्यू किया जाता है कि बाजार की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियां इस इंडेक्स से बाहर ना हो सके. यही वजह है कि यह अमेरिकी बाजार की सटीकता तो दिखा पाता है.
नैस्डेक 100 के पास कितनी ताकत?
नैस्डैक 100 भी एक स्टॉक मार्केट इंडेक्स है, जैसे भारत में निफ्टी-50 और बीएसई-30 है. नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 100 सबसे बड़ी नॉन फाइनेंसिंग कंपनियों को ट्रैक करता है. इस इंडेक्स में सबसे अधिक कंपनियां टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है. साथ ही इसमें हेल्थकेयर और कंज्यूमर सेक्टर की भी कंपनियां भी हिस्सा रखती हैं. इसलिए आप जब भी किसी विदेशी फंड में निवेश करने की सोचें तो यह पहले ही कंफर्म कर लें कि आप किस इंडेक्स से जुड़ें फंड में पैसा लग रहे हैं.
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