Digital Arrest: पिछले कुछ समय से आप एक शब्द काफी सुन रहे होंगे डिजिटल अरेस्ट. भारत के अलग-अलग राज्यों में डिजिटल अरेस्ट की काफी घटनाएं सामने आई है. जहां लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके करोड़ों रुपये लूटे गए हैं. उत्तर प्रदेश की एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करके 2.7 कोड रुपये लूट लिए गए. तो वहीं कर्नाटक में एक रिटायर्ड ऑफिसर से 2.21 करोड रुपए डिजिटल रेस्ट करके ले लिए गए.
तो वहीं दिल्ली में एक महिला से 6 घंटे के भीतर में 2 लाख रुपयों की ठगी हो गई. क्या होता है यह डिजिटल अरेस्ट. कैसे ठग लूट लेते हैं इसमें लोगों से करोड़ों रुपये. किस तरह बचाई जा सकती है अपनी जमा पूंजी. चलिए आपको बताते हैं कुछ तरीके.
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट होना?
डिजिटल अरेस्ट दरअसल एक टर्म है. इसमें साइबर फ्रॉड करने वाला व्यक्ति किसी व्यक्ति को अरेस्ट करने का डर दिखा कर उसी के घर में कैद कर देता है. इसमें साइबर फ्रॉड आपको वीडियो कॉल करते हैं. और अपने आसपास का बैकग्राउंड बिल्कुल किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं. या किसी सरकारी जांच एजेंसी के दफ्तर की तरह. जिसे देखकर सामने वाला व्यक्ति डर जाता है. और इन फ्रॉड की बातों में आ जाता है. इसके बाद यह साइबर फ्रॉड आपके साथ स्कैम करना शुरू कर देते हैं.
इसमें जो सबसे अहम बात होती है वह यह की फ्रॉड सामने वाले व्यक्ति को पूरे वीडियो कॉल के दौरान कहीं जाने नहीं देता. और ना ही किसी को कॉल या मैसेज करने देता है. फिर उसे यह कहकर गुमराह किया जाता है कि उसका आधार कार्ड या बैंक अकाउंट या फिर सिम कार्ड गैरकानूनी तौर पर इस्तेमाल हो रहा है. या कहता है आपका कोई अपना किसी जुर्म में फंस गया है और जमानत के लिए वह आपसे पैसे ऐंठने लगता है.
इन तरीकों से बच सकते हैं
कभी भी कोई आपको वीडियो कॉल करके इस तरह की जानकारी देता है. आपका फोन नंबर, आधार कार्ड या किसी चीज से गैरकानूनी इस्तेमाल हो रहा है तो उस पर यकीन ना करे. या फिर वह आपको कहे कि आपका कोई जान पहचान का आपका बेटा, बेटी, पति, पत्नी या कोई रिश्तेदार किसी केस में फंस गया है तो उस पर भी यकीन ना करें. जब तक के उनके नंबर से आपको खुद कॉल करके यह सब ना बताया जाए.
और आपको लगे कोई आपके साथ फ्रॉड करने की कोशिश कर रहा है तो आप 1930 नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इसके साथ ही आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @cyberdost को टैग करके भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप नजदीकी साइबर पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
बरतें यह एहितयात
दरअसल यह साइबर फ्रॉड आपकी जानकारी को आपके ही खिलाफ इस्तेमाल करते हैं. इसीलिए कभी भी अनजान काॅल पर किसी को भी अपनी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी या बैंक खाते की जानकारी या फिर अन्य जानकारी कभी ना दें. किसी भी अननोन सोर्स के जरिए आए हुए मैसेज पर क्लिक न करें.
उस लिंक को कभी ना खोलें. अपने फोन में या कहीं लैपटॉप वगैरह में कभी भी थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड ना करें. तो अपने बैंकिंग ऐप्स और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन अकाउंट एप पर मजबूत सिक्योरिटी पासवर्ड लगाएं.
यह भी पढ़ें: बेटी का भविष्य करना है सुरक्षित, तो आज से ही शुरू करें इस स्कीम में निवेश