भारत देश में हर शहर, हर जगह पर दिव्यांग लोगों के लिए कुछ न कुछ व्यवस्था होती है. खाना, पढ़ाई से लेकर यात्रा तक हर चीज में दिव्यांग लोगों को काफी छूट और व्यवस्था मिलती है. इसी से जुड़ी एक खुशखबरी दिव्यांग जनों के लिए आई है. बता दें कि सेंट्रल एविएशन डिपार्टमेंट ने कुछ खास व्यवस्था दिव्यांग लोगों के लिए की है.
असिस्टिव डिवाइस की अनुमति
जानकारी के मुताबिक कोई भी एयरलाइन दिव्यांग के साथ असिस्टिव डिवाइस जैसे व्हीलचेयर, आर्टिफिशियल बॉडी पार्ट आदि लेकर जाने से नहीं रोक सकती है. बस दिव्यांग की इन चीजों के बारे में जानकारी देनी होगी. अगर दिव्यांग को लगता है कि वो बोर्डिंग गेट तक जाने में असमर्थ है, तो वो वाहन की डिमांड कर सकता है. इसके अलावा एयरलाइंस दिव्यांग पैसेंजर्स के चेकिंग लगेज पर अस्सिटिव डिवाइस का टैग जरूर लगवाएं, इससे लगेज ढूंढने में आसानी रहेगी.
फ्लाइट में ले जा सकते हैं गाइड डॉग
अगर कोई एयरलाइन किसी दिव्यांग को फ्लाइट में जाने से रोकती है, तो उसे लिखित में कारण बताना होगा. नहीं यही नहीं अब दिव्यांग अपने साथ फ्लाइट में गाइड डॉग ले जा सकते हैं, इसके लिए डॉग का मेडिकल लिखित में होना चाहिए और डॉग को वह अपनी सीट के बगल में बिठा सकते हैं. जो लोग बोल नहीं सकते उनके लिए भी एयरलाइंस ने कुछ सुविधा तय की है, ऐसे लोगों को बुकिंग पेज पर एक DPNA कोड डालना होगा. इसके बाद उन्हें स्पेशल सुविधा दी जाएगी.
टर्मिनल से एग्जिट प्वाइंट
ध्यान रहे दिव्यांग जनों को यात्रा के करीब 48 घंटे पहले एयरलाइन को अपनी डिसेबिलिटी के बारे में बताना होगा. इसके अलावा उनकी क्या जरूरत है इसके बारे में भी दिव्यांग को एयरलाइन के कर्मचारियों को बताना होगा. फ्लाइट में जाने के बाद दिव्यांग अपनी जरूरत के हिसाब से एयर होस्टेस से सहायता मांग सकते हैं. डिपार्चर टर्मिनल से एग्जिट प्वाइंट तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एयरलाइंस की होती है, इसके लिए आपसे किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है, इसलिए आप डिपार्चर के बाद एयरलाइन के कर्मचारी से एग्जिट प्वाइंट तक जाने की बात कर सकते हैं.