Voting Leave: लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी, जिसमें देशभर के कई राज्यों में वोट डाले जाएंगे. इसके बाद एक के बाद एक अलग-अलग चरणों में वोटिंग होगी और 4 जून को नतीजे सामने आएंगे. कई जगह वीक डेज में वोटिंग होनी है, यानी उस दिन जब आपका ऑफिस होता है. ऐसे में कई लोगों को वोट डालने में दिक्कत हो सकती है. इसीलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि क्या आप लोग वोटिंग के दिन अपने दफ्तर से हाफ डे सकते हैं या नहीं...
सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी
दरअसल वोटिंग वाले दिन कई राज्यों में सरकार की तरफ से पेड लीव का ऐलान किया जाता है, यानी सरकारी नौकरी वालों को किसी बात की टेंशन नहीं होती है, आमतौर पर दफ्तरों में या तो छुट्टी होती है या फिर हाफ डे दे दिया जाता है. जिससे लोग आराम से पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालते हैं.
प्राइवेट सेक्टर में क्या है नियम?
अब उन लोगों की बात करतें हैं जो प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोगों के लिए भी छुट्टी का प्रावधान है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कंपनी को मतदान वाले दिन अपने कर्मचारियों को छुट्टी देनी होती है. क्योंकि वोट डालना हर किसी का अधिकार है, ऐसे में कोई भी वोटिंग के लिए हाफ डे या छुट्टी देने से इनकार नहीं कर सकता है. यानी आप चाहें तो वोटिंग के दिन हाफ डे या छुट्टी ले सकते हैं, कंपनी इस छुट्टी के पैसे नहीं काट सकती है.
सरकारों ने किया छुट्टी का ऐलान
जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि कई राज्यों में सरकार की तरफ से पहले ही छुट्टी का ऐलान कर दिया जाता है. इसी तरह दिल्ली में मौजूद तमाम दफ्तरों को भी निर्वाचन आयोग की तरफ से ये निर्देश दिया गया है कि वो वोटिंग वाले दिन सभी कर्मचारियों को छुट्टी देंगे. जो लोग बाहरी राज्यों से आकर दिल्ली में काम कर रहे हैं, उन्हें भी अपने वोटिंग वाले दिन छुट्टी मिलेगी. ठीक इसी तरह राजस्थान सरकार, केरल और बिहार जैसे राज्यों ने भी लोकसभा चुनाव में वोटिंग के दिन छुट्टी का ऐलान किया है. ज्यादा से ज्यादा लोग वोटिंग में हिस्सा लें, इसी के चलते ये फैसला लिया जाता है.
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